बाल वाटिका बनेंगी नई शिक्षा नीति का आधार:विनोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 10 अगस्त जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विनोद कौशिक ने कहा है बाल वाटिका नई शिक्षा नीति 2020  का मूल आधार है और बाल वाटिका की सफलता से शिक्षा नीति सफल हो सकेगी। सभी का दायित्व है कि स्कूलों में बाल वाटिका का सफलतापूर्वक संचालन हो और अधिक से अधिक बच्चे स्कूलों में प्रवेश के लिए आकर्षित हो।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विनोद कौशिक गुरुवार को राजकीय मॉडल संस्कृति विद्यालय थानेसर के केशव सभागार में निपुण हरियाणा मिशन के तहत 8 दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि बाल वाटिका पूर्व-प्राथमिक स्तर का एक खेल आधारित शिक्षण कार्यक्रम है। मुख्य रूप से इसका निर्माण पहली कक्षा से भी पूर्व की अवस्था वाले बच्चों के लिए किया गया है। इसके अंतर्गत बच्चों को खेल-खिलौनों से संबंधित गतिविधियों की सहायता से शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बालक बहुत जिज्ञासु, उत्साही व रचनात्मक स्वभाव का होता है और उसका स्वभाव छोटी-छोटी बातों से प्रभावित हो जाता है। ऐसे में शिक्षक संयम व धैर्य से काम लें। अध्यापक बालक से मित्रतापूर्ण व्यवहार करें और पारंपरिक शिक्षण विधियों की अपेक्षा मनोरंजक विधियों का प्रयोग करें। शिक्षक का दायित्व है कि वह बालक की जिज्ञासा व रचनात्मकता की रक्षा करें।
उन्होंने बताया कि तीन स्तरों पर बाल वाटिका-1, बाल वाटिका-2 तथा बाल वाटिका-3 के नाम से कक्षाएं होंगी जिनमें क्रमश:  3 से 4, 4 से 5 तथा 5 से 6 आयु-वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिया जाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कहा गया है कि नए 5+3+3+4 ढांचे में 3 वर्ष के बच्चों को शामिल कर प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) की एक मजबूत बुनियाद को शामिल किया गया है जिससे आगे चलकर बच्चों का विकास बेहतर हो, वे बेहतर उपलब्धियां हासिल कर सकें और खुशहाल हों। इसकी पाठ्य-सामग्री का निर्माण एनसीईआरटी तथा देश के विभिन्न विद्वानों द्वारा किया गया है। प्रिंसिपल सचिंद्र कोडा ने अतिथियों का स्वागत किया तथा अध्यापकों व की रिसोर्स पर्सन को आह्वान किया वे निष्ठापूर्वक ढंग से कार्यशाला में भाग लें। अनुशासन का पालन करें। निदेशालय से आए एफएलएन प्रभारी रितेश कुमार ने बताया कि वर्तमान कार्यशाला में कुल 6 बैच हैं जिनमें से चार बैच सामान्य स्कूलों के लिए हैं तथा दो बैच मॉडल संस्कृति स्कूलों के लिए हैं। लर्निंग लेवल फाउंडेशन और पीपल टू पीपल इंडिया के विशेषज्ञ कार्यशाला में प्रशिक्षण देंगे
जिला एफएलएन कोऑर्डिनेटर डॉ आशुतोष ने बताया कि कार्यशाला में 166 शिक्षक व 88 की रिसोर्स पर्सन्स भाग ले रहे है। सभी महिला प्रतिभागियों के आवास की व्यवस्था जयराम आश्रम और पुरुषों के रहने की व्यवस्था गूर्जर धर्मशाला में की गई है। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विनोद कौशिक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रतिभागियों के रहने-खाने व कार्यशाला के संचालन सम्बन्धी सभी व्यवस्थाएं बेहतर ढंग से करें, किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस कार्यक्रम का मंच संचालन सतबीर कौशिक, नियानन्द शास्त्री व प्रदीप रोहिला ने किया। इस अवसर पर बीईओ थानेसर इंदु कौशिक, जीएमएसएसएस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ सचिंद्र कोड़ा, प्रिंसिपल रामराज,निदेशालय से आए रितेश कुमार, संजय कौशिक, ईएसएचएम प्यारे लाल, अनिल कपूर, गौतम दत्त, जिला एफएलएन कोऑर्डिनेटर डॉ आशुतोष, डॉ राम मेहर अत्रि आदि मौजूद थे।

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