श्री जयराम विद्यापीठ का 5 दशक से संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में निरन्तर संचालन
कुरुक्षेत्र, 9 अगस्त : देशभर में स्वास्थ्य, विज्ञान, संस्कृत को जन जन तक पहुंचाने, योग, गौ संरक्षण, कन्या शिक्षा एवं आध्यात्म के क्षेत्र में कार्यरत श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में श्री जयराम विद्यापीठ संस्थान करीब 5 दशक से भी अधिक समय से संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में निरन्तर लगा हुआ है।
कुरुक्षेत्र में श्री जयराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. रणबीर भारद्वाज एवं श्री जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने बताया कि भारतीय संस्कृति की मूल संस्कृत भाषा का सतत पोषण व संवर्धन हो इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ब्रह्मलीन देवेन्द्रस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने संस्कृत विद्यापीठ की स्थापना की थी। वर्तमान में भी उन्हीं के परम शिष्य ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी विद्यापीठ का संचालन सुचारु रूप से कर रहे हैं। यहां विशारद, उत्तरमध्यमा, वेद कर्मकाण्ड व शास्त्री की कक्षाएं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र से संचालित हैं।
उन्होंने बताया कि इसी क्रम में सत्र 2023-2024 में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की मान्यता से पौरोहित्य एवं कर्मकाण्ड का एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स प्रारम्भ हो चुका है जो कि भारतीय सेना में धर्मगुरु के पद पर चयन हेतु यह डिप्लोमा अत्यन्त अनिवार्य था। इससे शास्त्रियों को बहुत लाभ होगा प्रवेश प्रक्रिया भी प्रारम्भ हो चुकी है।
सिंगला ने बताया कि श्री जयराम विद्यापीठ से शिक्षा ग्रहण कर हजारों विद्यार्थी देश के विभिन्न राज्यों में उच्च पदों पर पहुंच चुके हैं।