कुरुक्षेत्र, 05 अगस्त। प्रदेश की कुरुक्षेत्र विश्वविधालय कुरुक्षेत्र महाऋषि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा और भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां गोहाना के सहायकों ने 3600 ग्रेड पे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाने की तैयारी कर ली है। गौरतलब है कि इन चारों यूनिवर्सिटी में कार्यरत सहायकों को हरियाणा सचिवालय के पैटर्न पर सहायकों को 3600 ग्रेड पे बहाल करने को लेकर कर्मचारी लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं। हाईकोर्ट की सिंगल और डबल बेंच ने सहायकों के हक में फैसला देते हुए इन चार विश्वविद्यालयों में कार्यरत सहायकों को 3600 ग्रेड पे का लाभ देने का फैसला दिया गया था। लेकिन उपरोक्त फैसले के खिलाफ उच्चतर शिक्षा विभाग सुप्रीम कोर्ट में चला गया। सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेड पे देने पर स्टे लगाते हुए संबंधित सहायकों को नोटिस जारी किया है। ऐसे में अब चार विश्वविद्यालयों के सहायकों ने एकजुट होकर सुप्रीम कोर्ट में जाने की तैयारी कर ली है । बताया गया कि वे जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब देंगे। प्रदेश सरकार की ओर से 20 मार्च 2013, 29 सितंबर 2014 को आदेश जारी कर प्रदेश की सभी विश्वविद्यालयों के सहायकों का ग्रेड पे 3600 की बजाय 3200 कर दिया था। इस पर 2015 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सहायकों व सेवानिवृत सहायकों की तरफ से दविंदर सचदेवा व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर 15 जुलाई 2019 फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट की बैंच ने प्रदेश सरकार की ओर से 3200 ग्रेड पे कम करने के लिए जारी किए गए तीनों अध्यादेश रद्द कर, सहायकों का 3600 का ग्रेड पे बहाल किया था। हरियाणा प्रदेश के 3 विश्वविद्यालयों में कार्यरत सहायकों को आज भी 3600 रुपए का ग्रेडपे मिल रहा है। प्रदेश सरकार की ओर 29 सितंबर 2014 को सहायकों का ग्रेड पे 3600 से घटाकर 3200 करने के आदेश एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय हिसार, दीनबंधु को चौधरी छोटूराम तकनीकी विश्वविद्यालय मुरथल, और गुरु जंभेश्वर विश्वविधालय हिसार पर लागू नहीं किए गए थे। इस कारण इन यूनिवर्सिटी का एग्रीकल्चर विभाग और तकनीकी विभाग के अंडर होना बताया गया। यह मुद्दा भी अन्य यूनिवर्सिटी के वकीलों की ओर से हाईकोर्ट में उठाया गया था
-यह है पूरा मामला
हाईकोर्ट में कुरुक्षेत्र के सहयको की ओर से हाईकोर्ट केस दायर करने वाले सेवानिवृत्त सहायक कुलसचिव दविंदर सचदेवा ने बताया कि 1987 में प्रदेश सरकार की ओर से हरियाणा सचिवालय के सहायकों की तर्ज पर यूनिवर्सिटी के सहायकों को ग्रेड पे दिया गया था। सरकार के 27। फरवरी 2009 के नोटिफिकेशन के आधार पर के सहायकों को एक जनवरी 2006 में 3600 ग्रेड पे मिला था । लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से 2013 और 2014 में पत्र जारी कर यूनिवर्सिटी के सहायकों का ग्रेड पे 3600 से घटाकर 3200 कर दिया था। देवेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी के सहायकों के साथ सरकार ने घोर अन्याय किया है जिसके चलते इससे प्रभावित होने वाले सहायकों ने बैठक की और सभी तथ्यों को जुटाकर हाईकोर्ट में केस दायर किया।