पिहोवा 27 जुलाई उपमंडल अधिकारी नागरिक सोनू राम ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण बरसाती पानी से लोगों के घरों व फसलों का नुकसान हुआ है। सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है, जिसके माध्यम से आमजन अपने नुकसान का ब्यौरा भरकर सरकारी सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त मेरा फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर आमजन अपनी फसल के नुकसान का ब्यौरा डाल सकते हैं। बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए उक्त पोर्टलों पर 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं।
एसडीएम सोनू राम ने कहा कि उपमंडल पिहोवा व इस्माईलाबाद के प्रत्येक गांव व शहर में बाढ़ के पानी से हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। लोगों के नुकसान का आंकलन करने के लिए वेब पोर्टलों के माध्यम से लोगों के आवेदन लिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रशासन द्वारा टीमों का भी गठन किया गया है, जो प्रत्येक व्यक्ति के घर तक जाकर पारदर्शी तरीके से नुकसान का आंकलन करेंगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीडि़तों तक राहत पहुंचाने के लिए कार्य तेजी से शुरू किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में जलभराव हुआ था, उसे पंप सेट्स की मदद से निकलवाया जा रहा है। कई गांवों के रास्ते, जो आवागमन के लिए टूट चुके थे, उन्हें दुरुस्त करवाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि लोगों के स्वास्थ्य को मद्देनजर रखते हुए गांवों तथा शहर के क्षेत्रों में पीने के लिए स्वच्छ पानी का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। प्रत्येक क्षेत्र के सीवरेज व गटर की सफाई सम्बंधित विभाग के कर्मचारियों द्वारा करवाई जा रही है ताकि आने वाले बरसाती मौसम में किसी तरह का नुकसान ना झेलना पड़े और पानी की निकासी ठीक तरह से होती रहे। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी बीमारी से ग्रसित न हो। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग की टीमें ग्राम वासियों व शहरी लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रही हैं। नगर पालिका विभाग द्वारा शहर के अंदर बाढ़ का जमा गंदा पानी व गलियों नालियों में गंदगी व सड़कों पर सफाई करवाने का कार्य कर रहा है।
उन्होंने बताया कि बाढ़ से हुए नुकसान के लिए सही आंकड़ों का आंकलन 31 जुलाई तक कर लिया जाएगा। यदि किसी के मकान में दरार आ गई है या मकान टूट गया है तो मकान मरम्मत के लिए सरकार द्वारा निर्धारित राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ से होने वाले नुकसान के सर्वे आदि के समय गांव का सरपंच, ब्लॉक समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य एवं मौजिज व्यक्तियों को साथ लेकर ही सर्वे कराया जाए। उन्होंने सरपंचों से भी कहा कि अपने गांव में हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों को दें। यदि कोई परेशानी आती है तो उन्हें अवगत कराएं।

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