एक माह पूर्व 18 मई 2023 को भाजपा सांसद रतन लाल कटारिया के निधन कारण रिक्त हुई थी अम्बाला सीट
9 वर्ष पूर्व कम समय-सीमा कारण नहीं कराया गया था अम्बाला शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव — हेमंत
शुक्रवार 16 जून 2023 देश की मौजूदा 17 वीं लोकसभा का कार्यकाल चार वर्ष पूरा हो गया था. आज से ठीक चार वर्ष पूर्व 17 जून 2019 वर्तमान लोकसभा की पहली बैठक आयोजित हुई थी. चूँकि भारत के संविधान के अनुसार लोकसभा का कार्यकाल सदन की पहली बुलाई गई बैठक से पांच वर्ष तक होता है, इस प्रकार मौजूदा 17 वीं लोकसभा का कार्यकाल अगले वर्ष 16 जून, 2024 तक है हालांकि इससे लोकसभा को इससे पहले ही समय पूर्व भंग किया जा सकता है.
इसी बीच अम्बाला शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट एवं कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने बताया कि आज अर्थात 17 जून 2023 से अगर किसी वर्तमान 17 वीं सभा के मौजूदा 538 सांसदों से किसी की सीट मृत्यु, त्यागपत्र या अयोग्य घोषित होने के कारण रिक्त होती है, तो उस सीट पर कानूनन उपचुनाव नहीं करवाया जाएगा. हालांकि गत 16 जून से पहले रिक्त हुई पांच लोकसभा सीटों जिनमें हरियाणा की अम्बाला (अनुसूचित जाति आरक्षित ) लोकसभा सीट भी शामिल है, पर भारतीय चुनाव आयोग द्वारा आगामी कुछ महीनों में उपचुनाव कराया जाना कानूनन आवश्यक है.
गत माह 22 मई लोकसभा सचिवालय द्वारा भारत सरकार के गजट में प्रकाशित एक नोटिफिकेशन मार्फत हरियाणा के अम्बाला संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा हेतु निर्वाचित सदस्य रतन लाल कटारिया का 18 मई 2023 को चंडीगढ़ में हुए निधन के परिणामस्वरूप उसी तारिख अर्थात 18 मई 2023 से अम्बाला लोकसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया.
एडवोकेट हेमंत ने सर्वप्रथम गत माह 21 मई को और इस शनिवार 17 जून को पुन: भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार एवं दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों अनूप चंद्र पांडे और अरूण गोयल को ज्ञापन कम प्रतिवेदन भेजकर उनसे अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव संबंधी शीघ्र निर्णय लेने की अपील की है.उन्होंने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व (आर.पी.) कानून , 1951 की धारा 149 के तहत लोकसभा में मौजूदा सांसद की मृत्यु, त्यागपत्र या उनका निर्वाचन रद्द होने अथवा उसके अयोग्य घोषित होने के कारण आदि कारणों से रिक्त हुई सीट पर भारतीय चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव कराया जाता है. उक्त कानून की धारा 151 ए के अनुसार ऐसा उपचुनाव करवाने की समय सीमा रिक्त घोषित की गयी लोकसभा से छः माह के भीतर होती है. इस प्रकार आगामी 18 नवंबर 2023 तक कानूनन अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराया जाना है.
हालांकि हेमंत ने बताया की अगर रिक्त हुई लोकसभा सीट पर निवर्तमान सदस्य की शेष अवधि एक वर्ष से कम हो, तो उपचुनाव नहीं करवाया जाता है. यही नहीं अगर कुछ विशेष परिस्थितियों में अगर चुनाव छः माह की अवधि में चुनाव करवाना संभव न हो, तो चुनाव आयोग केंद्र सरकार के परामर्श से उपचुनाव करवाने के समय को आगे भी बढ़ा सकता है. लेकिन उपचुनाव न कराये जाने सम्बन्धी इस कानूनी धारा में कोई उल्लेख नहीं है.
चूंकि मौजूदा 17 वीं लोकसभा का कार्यकाल अगले वर्ष 16 जून 2024 तक है, इस प्रकार अंबाला लोकसभा सीट पर दिवंगत सांसद कटारिया की शेष अवधि 13 महीने बनती थी जो एक वर्ष से ऊपर है, इस प्रकार अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव करवाना बनता है
इसी बीच अम्बाला शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट एवं कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने बताया कि आज अर्थात 17 जून 2023 से अगर किसी वर्तमान 17 वीं सभा के मौजूदा 538 सांसदों से किसी की सीट मृत्यु, त्यागपत्र या अयोग्य घोषित होने के कारण रिक्त होती है, तो उस सीट पर कानूनन उपचुनाव नहीं करवाया जाएगा. हालांकि गत 16 जून से पहले रिक्त हुई पांच लोकसभा सीटों जिनमें हरियाणा की अम्बाला (अनुसूचित जाति आरक्षित ) लोकसभा सीट भी शामिल है, पर भारतीय चुनाव आयोग द्वारा आगामी कुछ महीनों में उपचुनाव कराया जाना कानूनन आवश्यक है.
गत माह 22 मई लोकसभा सचिवालय द्वारा भारत सरकार के गजट में प्रकाशित एक नोटिफिकेशन मार्फत हरियाणा के अम्बाला संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा हेतु निर्वाचित सदस्य रतन लाल कटारिया का 18 मई 2023 को चंडीगढ़ में हुए निधन के परिणामस्वरूप उसी तारिख अर्थात 18 मई 2023 से अम्बाला लोकसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया.
एडवोकेट हेमंत ने सर्वप्रथम गत माह 21 मई को और इस शनिवार 17 जून को पुन: भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार एवं दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों अनूप चंद्र पांडे और अरूण गोयल को ज्ञापन कम प्रतिवेदन भेजकर उनसे अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव संबंधी शीघ्र निर्णय लेने की अपील की है.उन्होंने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व (आर.पी.) कानून , 1951 की धारा 149 के तहत लोकसभा में मौजूदा सांसद की मृत्यु, त्यागपत्र या उनका निर्वाचन रद्द होने अथवा उसके अयोग्य घोषित होने के कारण आदि कारणों से रिक्त हुई सीट पर भारतीय चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव कराया जाता है. उक्त कानून की धारा 151 ए के अनुसार ऐसा उपचुनाव करवाने की समय सीमा रिक्त घोषित की गयी लोकसभा से छः माह के भीतर होती है. इस प्रकार आगामी 18 नवंबर 2023 तक कानूनन अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराया जाना है.
हालांकि हेमंत ने बताया की अगर रिक्त हुई लोकसभा सीट पर निवर्तमान सदस्य की शेष अवधि एक वर्ष से कम हो, तो उपचुनाव नहीं करवाया जाता है. यही नहीं अगर कुछ विशेष परिस्थितियों में अगर चुनाव छः माह की अवधि में चुनाव करवाना संभव न हो, तो चुनाव आयोग केंद्र सरकार के परामर्श से उपचुनाव करवाने के समय को आगे भी बढ़ा सकता है. लेकिन उपचुनाव न कराये जाने सम्बन्धी इस कानूनी धारा में कोई उल्लेख नहीं है.
चूंकि मौजूदा 17 वीं लोकसभा का कार्यकाल अगले वर्ष 16 जून 2024 तक है, इस प्रकार अंबाला लोकसभा सीट पर दिवंगत सांसद कटारिया की शेष अवधि 13 महीने बनती थी जो एक वर्ष से ऊपर है, इस प्रकार अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव करवाना बनता है
9 वर्ष पूर्व कम समय-सीमा कारण नहीं कराया गया था अम्बाला शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव
हेमंत ने बताया कि आज से 9 वर्ष पूर्व मई, 2014 को अम्बाला शहर से तत्कालीन कांग्रेस विधायक विनोद शर्मा ने भी विधायक के पद त्यागपत्र दे दिया था क्योंकि तब उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़कर उनकी नई पार्टी बनानी थी जिसका नाम हरियाणा जनचेतना पार्टी (वी ) रखा गया जो आज भी भारतीय चुनाव आयोग द्वारा गैर मान्यता प्राप्त रजिस्टर्ड राजनीतिक दल के तौर पर पंजीकृत है. बहरहाल, चूँकि तब तत्कालीन हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल केवल छः महीने शेष था, इसलिए शर्मा के शहर विधायक पद से त्यागपत्र के बाद अम्बाला शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं करवाया गया था.
हेमंत ने बताया कि आज से 9 वर्ष पूर्व मई, 2014 को अम्बाला शहर से तत्कालीन कांग्रेस विधायक विनोद शर्मा ने भी विधायक के पद त्यागपत्र दे दिया था क्योंकि तब उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़कर उनकी नई पार्टी बनानी थी जिसका नाम हरियाणा जनचेतना पार्टी (वी ) रखा गया जो आज भी भारतीय चुनाव आयोग द्वारा गैर मान्यता प्राप्त रजिस्टर्ड राजनीतिक दल के तौर पर पंजीकृत है. बहरहाल, चूँकि तब तत्कालीन हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल केवल छः महीने शेष था, इसलिए शर्मा के शहर विधायक पद से त्यागपत्र के बाद अम्बाला शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं करवाया गया था.