डॉ. राजेश वधवा
कुरुक्षेत्र। देश भर की स्टेट यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के करीब नौ लाख शिक्षकों की  फैडरेशन एआईफुक्टो की 32 वीं अकादमिक कांफ्रेंस में एक ओर ‘ आजादी के 75 वर्ष और उच्चतर शिक्षा की स्थिति’ विषय पर शोध पत्र पढ़ने का दौर जारी रहा तो दूसरी ओर मुख्य मंच पर विभिन्न राज्यों के लगभग 100 शिक्षक-प्रतिनिधियों द्वारा महासचिव की रिपोर्ट पर बहस में हिस्सा लिया। सुबह के दूसरे सत्र में विशेष व्याख्यान हुए।भारत के जाने माने वैज्ञानिक, आई.एस.आई.डी. के पूर्व प्रोफेसर डॉ. दिनेश अबरोल ने भारत में वैज्ञानिक शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर बोलते हुए कहा कि विज्ञान – शिक्षा में आर्थिक निवेश और राष्ट्रीय नीति का अभाव है।  प्राईवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों की 67000 करोड़ पूंजी डूब चुकी है। देश के साईंस और तकनीकी क्षेत्र के साढ़े पांच लाख आर. एंड डी. कर्मियों में से करीब ढाई लाख तो अकेले  अमेरिका की कंपनियों के लिए काम करते हैं। डॉ अबरोल ने बताया कि रोजगारपरक शिक्षा की बात जोरशोर से होती थी ,लेकिन तथाकथित नई शिक्षा नीति में रोजगार शब्द ही नहीं है।प्रो.अरविंद कुमार ,महासचिव ,जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने कहा कि शिक्षा में मार्केट का प्रवेश हमारे पास भविष्य को निरंकुशता की ओर ले जा रहा है।आलोचनात्मक चिन्तन के बिना सपने मर जाते हैं।नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ,ऑनलाइन बहुविकल्पीय प्रश्न -पद्धति शिक्षा के सार को समाप्त कर रही है। मुख्य अतिथि जेएनयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष और सेन्ट्रल यूनिवर्सिटज शिक्षक संघों की फैडरेशन ( फैडकूटा) के भी अध्यक्ष डॉ डी.के.लोबियाल ने कहा कि शिक्षा की स्थिति का आकलन शिक्षकों की स्थिति को देखकर ही हो जाता है।प्रशासन द्वारा शिक्षकों के संगठनों पर आघात किया जा रहा है।ऑनलाइन शिक्षा में विद्यार्थियों की बिना शिक्षा दिए लूट हो रही है। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि एन.ई.पी. को रद्द करवाने और पूरानी पैन्शन स्कीम (ओ.पी.एस.) बहाली के लिए  देश भर के सभी शिक्षक-संगठन बड़ा आंदोलन खड़ा करें। फेडकूटा एआईफुक्टो के आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी।

इस अवसर पर इन विद्वानों का अभिनंदन करने वालों में डॉ. प्रवीण कुमार शर्मा, एम.एल.सिंगला, सीमा सिंघल, एचफुक्टो सचिव सुनील कुमार, मधु गोयल ,बलवीर सिंह, अमित चौधरी, हीरा लाल शर्मा, रविन्द्र गासो, सुरेश कुमार शर्मा, सन्तोष कुमारी, सरिता चौधरी, राजेन्द्र सिंह, दयानंद मलिक, नरेन्द्र चाहर,धर्मवीर भारद्वाज ,विजय सिंह,राजेन्द्र देशवाल आदि शामिल रहे।

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