अम्बाला, 12 फरवरी:-
उद्योगपति एवं समाजसेवी भाई गुरूदेव दत्त छिब्बर ने कोरोना आपदा के समय विश्व के अनेक देशों में एंटी कोविड जीवन रक्षक दवाईयों की आपूर्ति करके अनेक बहुमूल्य जिंदगियों को बचा कर मानवता की महान सेवा की है। उनके इस अभूतपूर्व योगदान के लिए नेल्सन मंडेला पीस यूनिवर्सिटी उन्हें डॉक्टर ऑफ हयूमैनिटी की उपाधि से सम्मानित किया गया है और भविष्य में वे इसी प्रकार आपदा के समय में पूरे विश्व में मानवता की सेवा के अपने मिशन को जारी रखेंगे। यह जानकारी गुरूदेव दत्त छिब्बर ने आज आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान दी। इस उपाधि को मिलने पर वह अपने आप को गौरवांतित महसूस कर रहे हैं। इस मौके पर राष्ट्रीय परशुराम सेना ब्रहम वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष जंगशेर शर्मा व अन्य ब्राहमण सभा के पदाधिकारियों ने गुरूदेव दत्त छिब्बर को पगड़ी व भगवान परशुराम का परसा देकर उनका अभिनंदन भी किया।
यहां बता दें कि फार्मा कंपनी मैक्लीन एंड अर्गस फार्मास्यूटिकल्स लिमिटिड के संस्थापक चेयरमैन पद पर विराजमान अम्बाला के प्रसिद्ध उद्योगपति भाई गुरूदेव दत्त छिब्बर को नेल्सन मंडेला पीस यूनिवर्सिटी की ओर से विश्व के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान डॉक्टर ऑफ हयूमैनिटी उपाधि 2023 से नवाजा गया है। उन्हें नेल्सन मंडेला पीस यूनिवर्सिटी की ओर से बौद्धलोक मावठा कोलंबो श्रीलंका स्थित भंडारनायके मैमोरियल इंटरनेशनल कॉन्फ्रैंस हॉल में आयोजित भव्य समारोह में भाई गुरूदेव दत्त छिब्बर को डॉक्टर ऑफ हयूमैनिटी की उपाधि से नवाजा गया।
इस अवसर पर उद्योगपति गुरूदेव दत्त छिब्बर ने डॉक्टर ऑफ हयूमैनिटी की उपाधि से सम्मानित करने के लिए नेल्सन मंडेला पीस यूनिवर्सिटी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बीते 40 वर्षों में देश विदेश के आपदाकाल सुनामी, भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपातकालीन स्थितियों में मानवता की बढ़-चढक़र सेवा की है और समाजसेवा के क्षेत्र के तहत कार्य करने के लिए उनकी प्रेरणास्त्रोत रही उनकी जीवनसंगिनी रेणु छिब्बर, सुपुत्र पवन छिब्बर, पुत्रवधु प्रीति छिब्बर, पौत्र अमृतांश और पौत्री अगन्या का भी अहम योगदान है। उन्होंने अपने जीवन परिचय के बारे में बताते हुए कहा कि आज उनके लिए बडा ही खुशी का दिन है, उनके परिवार में डॉक्टर की उपाधि पाने वाले पहले वह पारिवारिक सदस्य हैं। उन्होने यह भी बताया कि डॉक्टर बनने का सपना उनका बचपन से ही था। उनका परिवार भी चाहता था कि वह डॉक्टर बनें लेकिन किन्ही कारणों के चलते हुए वह डॉक्टर नहंी बन पाए थे। उन्होंने लगभग 18 साल 3 महीने की उम्र में लगभग 7 वर्ष रनबैक्सी कंपनी में मैडिकल रिप्रैंजटेटिव के तौर पर कार्य किया और उस कार्य को पूरी लग्न व मेहनत के साथ किया। उनके मन में आया कि यदि हम दवाईयां बेचते हैं तो क्यों न इसकी शुरूआत हम यहीं से करें।
उन्होने यह भी बताया कि 1997 में मात्र 5 हजार रूपये जब उनके पास थे तो उनके साथियों के सहयोग से उन्होंने मैडिकल लाईन में कार्य शुरू किया और भगवान की कृपा से आज उनके यहां जो दवाईयां बनाई जाती है उन्हें बाहर भेजने का काम किया जाता है। उन्होने यह भी बताया कि उनके मन में डाक्टर बनने की प्रबल इच्छा थी।कोरोना आपदा के समय विश्व के अनेक देशों में एंटी कोविड जीवन रक्षक दवाईयों की आपूर्ति करके अनेक बहुमूल्य जिंदगियों को बचा कर मानवता की महान सेवा की है। उनके इस अभूतपूर्व योगदान के लिए नेल्सन मंडेला पीस यूनिवर्सिटी उन्हें डॉक्टर ऑफ हयूमैनिटी की उपाधि मिलने पर उनका यह सपना पूरा हो गया है। इस उपाधि को मिलने पर वे अपने आप को काफी गौरवांतित महसूस करते हैं। कोलंबो में आयोजित सैरामनी में पारिवारिक सदस्यों की उपस्थिति में उन्हें जो यह उपाधि मिली है उसकी वीडियो भी प्रेसवार्ता में दिखाई गई।
बॉक्स:- नेल्सन मंडेला पीस यूनिवर्सिटी के विजन के संबध में जानकारी देते हुए बताया गया कि नेल्सन मंडेला पीस यूनिवर्सिटी का विजन एचीवर्स और चैलंजर्स के कौशल, ज्ञान, क्षमता और योग्यता को अपग्रेड करने के लिए मानव संसाधन के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। इस प्रकार अचीवर्स ऑफ चैलेंजर्स के बेहतर प्रबंधन, कुशल और प्रभावी कार्यान्वयन को सक्षम करना है। मानव कल्याण और प्रतिष्ठा को लाभ पहुंचाने वाले नेताओं की सराहना करना और उन्हे प्रोत्साहित करना है। नेल्सन मंडेला पीस यूनिवर्सिटी के मिशन में उस प्रक्रिया को उत्प्रेरित करने के लिए जिससे अचीवर्स, चैलेंजर्स और समुदाय अपनी ताकत और अपने जीवन और कौशल की गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों का उपयोग करते हैं। नए सामाजिक प्रतिमान विकसित करने के लिए जिसके अंतर्गत व्यापक योजनाओं एवं समुदायों के बेहतर और आदर्श जीवन का निर्माण कर सकती हैं जिनके साथ वे काम करते हैं। इसी के साथ सामाजिक गतिशीलता, चेतना, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए समर्पित लोगों के संगठनों के माध्यम से न्याय और समानता मे निहित सामाजिक विकास को सक्षम करने के लिए, विकास में कम प्रतिनिधित्व वाले अचीवर्स और चैलेंजर्स की भागीदारी सुनिश्चित करना, संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों के माध्यम से उपलब्धियों की अभिव्यक्ति को मजबूत करना ये सब भी मिशन में शामिल हैं।

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