रिकॉर्ड-पथ पर दौड़ लगा रहे सोने के स्वर्णिम सफर को लेकर जहन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह किस दिशा में जाएगा? महंगा होगा या सस्ता? इन्हीं सवालों के जवाब तलाशने के लिए भास्कर ने देश-दुनिया के जानकारों के मतों का एनालिसिस किया। दुनिया के विश्लेषक मानते हैं कि इंटरनेशनल मार्केट में इस साल सोने की कीमतें 22% तक घट सकती हैं। वहीं, एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यहां सोना 8-10% तक महंगा हो सकता है।
कैपिटल इकोनॉमिक्स की रिपोर्ट कहती है अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई चेन सुधरने लगी है। गोल्ड माइनिंग बढ़ी है। अमेरिका-ब्रिटेन जैसे देशों में महंगाई कम होने लगी है। इससे निवेशक इक्विटी में पैसा लगाने लगे हैं। ऐसे में सोने की मांग कमजोर पड़ने के आसार हैं।
दुनियाभर के 20 में से 13 बड़े विश्लेषक मानते हैं कि 5-22% तक कम होंगे दाम
दुनियाभर के 20 प्रमुख फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस और एनालिस्टों में से 13 का अनुमान है कि 2023 में सोने की कीमत 5-22% घटेगी। इनमें वर्ल्ड बैंक, क्रेडिट सुइस और कैपिटल इकोनॉमिक्स जैसे बड़े संस्थान शामिल हैं।
कीमतें घटने के ये कारण..
- ऑस्ट्रेलिया में गोल्ड माइनिंग अक्टूबर-दिसंबर में 12% बढ़ी।
- अमेरिका, यूरोप और चीन में सोने की खपत घटने के आसार।
- महंगाई धीरे-धीरे घट रही है।
20 संस्थानों में 3 (बैंक ऑफ अमेरिका, बीसीए, आईएनजी) यह मानते हैं कीमतें 54,685 रु./10 ग्राम के आसपास रहेंगी।
कीमतें बढ़ने के ये कारण…
20 संस्थानों में से 4 (स्टैंडर्ड चार्टर्ड, पियरे लैसोंडे, सैक्सो बैंक, रॉबर्ट कियोसाकी) मानते हैं कि कीमतें दोगुनी तक बढ़ेंगी।
- मंदी के डर से मांग बढ़ेगी।
- महंगाई 2 वर्ष में घट पाएगी।
- चीन से सप्लाई बाधित होगी।
- यूक्रेन युद्ध भड़कने से बाजार गिरेंगे, सोने की मांग बढ़ जाएगी।
यहां भाव 62 हजार तक जाना संभव
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा- सोना 62 हजार तक जा सकता है। क्योंकि, गांवों से मांग बढ़ेगी। 15% आयात शुल्क से अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने का खास असर नहीं होगा। रुपया कमजोर होने से सोने के लिए ज्यादा डॉलर देने होंगे।
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