हरियाणा के पानीपत जिले के इसराना उपमंडल के गांव मांडी में एक बुजुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता ने सुसाइड कर लिया। वन विभाग के दरोगा ने बुजुर्ग पर सफेदे के पेड़ काट कर अवैध तरीके से बेचने का आरोप लगाया था। 3 साल से चल रहे विवाद में वृद्ध परेशान था। अब पुलिस ने शिकायत के आधार पर वन विभाग के दरोगा समेत 3 व्यक्तियों पर आत्महत्या के लिए विवश करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है।
3 साल से चल रहा था विवाद
इसराना थाना पुलिस को दी शिकायत में संदीप कुमार ने बताया कि वह गांव मांडी का रहने वाला है। वह सोनीपत में स्टील का काम करता है। करीब 3 साल पहले PWD विभाग द्वारा उनके गांव में सड़क निकाली गई थी। इस दौरान उसके पिता सूबे सिंह (67) पर सफेदे के पेड़ काट कर बेचने का आरोप लगा था। गांव के ही रामपाल ने वन विभाग के दरोगा निवासी गांव कांध, गार्ड व रेंज अधिकारी वीरेंद्र के साथ मिलकर पिता को फंसाने की साजिश रची थी।
चोरी का आरोपी बना दिया नोटिस
वन विभाग के कर्मचारी के साथ मिलकर उसके पिता सूबे सिंह को चोरी का आरोपी बनाकर विभाग की तरफ से जुर्माने का नोटिस भी दिया। नोटिस आने के बाद रामपाल बार-बार धमकी देता रहा कि वन विभाग अधिकारी उसके घर के हैं, पहले तो तुम जुर्माना भरो, बाद में तुझे जेल भिजवाएंगे।
बेटे को कॉल कर कहा, मैं परेशान हो गया हूं
संदीप ने बताया कि उसके पिता की कई बार रेंज अधिकारी व दरोगा से फोन पर भी बात हुई। वह बार-बार उनको जेल में भेजने की धमकी देते रहे। कहते रहे कि अपने गांव में पंचायत करके विभाग के अधिकारियों व रामपाल से नाक रगड़कर माफी मांगे, तब कुछ सोचेगें।
बीती रात 9 बजे उसके पिता ने कॉल कर बेटे को कहा कि वह रामपाल व वन अधिकारियों से परेशान हो चुका है। वह बहुत डर गया है। संदीप का कहना है कि उसके पिता ने रामपाल व वन विभाग के दरोगा वीरेंद्र, गार्ड व रेंज अधिकारी वीरेंद्र के दवाब में आकर आत्महत्या की है।