फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को फाइनेंशियल ईयर 2023-24 का आम बजट पेश करेंगी। इस बजट में कई तरह के आइटम्स पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की अनाउंसमेंट की जा सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के अपने प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार केंद्रीय बजट 2023 में लगभग 35 आइटम्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने पर विचार कर रही है।
ज्वेलरी और प्लास्टिक जैसी चीजों पर बढ़ेगी कस्टम ड्यूटी
सरकार जिन कुछ आइटम्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है, उनमें प्राइवेट जेट्स, हेलीकॉप्टर्स, हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक गुड्स, ज्वेलरी, हाई-ग्लॉस पेपर और विटामिन्स शामिल हैं। सरकार के इस कदम का उद्देश्य इंपोर्ट्स पर अंकुश लगाना और इनमें से कुछ प्रोडक्ट्स के लोकल मैन्युफैक्चरर्स को प्रोत्साहित करना है। कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने पहले कई मंत्रालयों से नॉन-एसेंशियल इंपोर्ट्स की लिस्ट प्रदान करने के लिए कहा था, जिनके इंपोर्ट्स को टैरिफ हाइक के माध्यम से कम किया जाना चाहिए।
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भारत का करेंट अकाउंट डेफिसिट
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का करेंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। हाल ही में जारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई-सितंबर (दूसरी तिमाही) में ये बढ़कर 36.4 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) के प्रतिशत के हिसाब से बात करें तो देश का CAD सितंबर तिमाही में बढ़कर GDP का 4.4% हो गया। यह आंकड़ा इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही में 2.2% था। एक साल पहले 2021-22 की दूसरी तिमाही में यह GDP का 1.3% था।
नॉन-एसेंशियल गुड्स के इंपोर्ट को कम करने का लक्ष्य
वहीं पॉलिसी मेकर्स भी डोमेस्टिक प्रोडक्शन को प्रोत्साहित करने के लिए लॉन्ग-टर्म स्ट्रेटजी के हिस्से के रूप में नॉन-एसेंशियल गुड्स के इंपोर्ट को कम करने का लक्ष्य बना रहे हैं। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहलों का स्पोर्ट करने के लिए हाल के सालों में कई वस्तुओं पर इंपोर्ट टैरिफ पहले ही बढ़ा दिए गए हैं। नॉन-एसेंशियल गुड्स के सस्ते इंपोर्ट्स पर अंकुश लगाने के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर भी जारी किए गए हैं।
इंपोर्ट ड्यूटीज में बढ़ोतरी से ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा
एक्सपर्ट्स के अनुसार, यदि इंपोर्ट ड्यूटीज में बढ़ोतरी केवल कुछ फिनिश्ड प्रोडक्ट्स पर ही लागू की जाती है, तो इससे न केवल रेवेन्यू में वृद्धि होगी, बल्कि मेक इन इंडिया इनिशिएटिव को भी बढ़ावा मिलेगा। EY इंडिया के एक पार्टनर बिपिन सपरा ने बताया, ‘इन फिनिश्ड प्रोडक्ट्स की पसंद ग्लोबल सप्लाई चेन में उनकी स्थिति और वे ओवरऑल इंडियन इकोनॉमी के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं, इस पर निर्भर होनी चाहिए।”
सरकार ने 2014 में शुरू किया था मेक इन इंडिया प्रोग्राम
सरकार ने 2014 में मेक इन इंडिया प्रोग्राम शुरू किया था और उसके बाद से कई चीजों के इंपोर्ट पर टैक्स बढ़ाया गया है। पिछले साल के बजट में इमिटेशन ज्वेलरी, छातों और ईयरफोन पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई थी। उससे पहले सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ाया गया था।
1 फरवरी 2023 को केंद्रीय बजट पेश करेंगी फाइनेंस मिनिस्टर
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं। 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। कई केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार दरों में बढ़ोतरी और दुनिया भर में हाई इन्फ्लेशन की पृष्ठभूमि के बीच केंद्रीय बजट तैयार किया जा रहा है।