‘शार्क इंडिया सीजन वन’ के हिट के होने के बाद अब एक बार फिर से इसका दूसरा सीजन धमाकेदार वापसी करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस बार शो से कार देखो डॉट कॉम के फाउंडर अमित जैन जुड़े हैं। उनसे शो से जुड़ने और इंवेस्टमेंट को लेकर हुई चर्चा…
मुझे याद है मई-जून के आसपास मुझे शो के लिए अप्रोच किया गया था। ऑडिशन हुआ था, मॉक पिचेज हुई थीं, रिकॉर्डिंग हुई थीं। फिर सोनी चैनल की टीम को लगा होगा कि मेरे जरिए नया फ्लेवर और डायमेंशन आ सकता है। मेरा इस शो को जॉइन करने का रीजन ये रहा है कि मैं अपनी कंपनी में जो विसडम दे पाता हूं, वो यहां नए एंटरप्रेन्योर्स को भी दे पाऊं।
उन्हें मेरे अनुभवों का फायदा मिले। इस शो का पहला सीजन काफी हिट हुआ था। खासकर छोटे शहरों में उन युवाओं को पसंद आया, जो अपने कॅरिअर में कुछ नया करना चाहते हैं। मुझे लगा कि अपना ज्ञान अपनी कंपनी तक सीमित न रखकर इस शो के जरिए और लोगों तक पहुंचाया जाए। मेरे लिए इस शो को जॉइन करना बहुत ही एक्साइटिंग रहा।
किसी खास फील्ड के ही बिजनेस आइडिया को यहां सपोर्ट कर रहे हैं?
ऐसा कुछ स्पेसिफिक नहीं है। मार्केटिंग, टेक्नॉलॉजी ये मेरे कोर एरियाज हैं। जहां तक मुझे लगता है कि इनके जरिए आप किसी बिजनेस में वैल्यू एड कर पाओगे तो वहां मेरा क्लीयर सेट होता है। किसी भी कंपनी में टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट के जरिए कुछ कर सकते हैं, वहां मेरा फोकस रहता है।
कई बार कम स्केल वाले बिजनेस भी अट्रैक्ट करते हैं, जहां मुझे लगता है कि इसके जरिए करोड़ों लोग इंस्पायर हो सकते हैं तो वहां मैं इन्वेस्ट करने में रुचि रखता हूं। बाकी मैं वुमन एंटरप्रेन्योर्स को आगे बढ़ते देखना चाहता हूं और उन्हें इंवेस्टमेंट में मदद करना चाहता हूं।
अभी तक कितने लोगों के बिजनेस आइडिया में इन्वेस्ट किया?
मैंने अभी तक काफी लोगों के बिजनेस आइडिया में सपोर्ट किया है। फिलहाल नंबर्स नहीं बता पाऊंगा कि कितना किया है। ये फिगर्स तो सोनी के पास ही हैं। रुपए के मामले में भी कितना कर चुका हूं ये भी बताना मेरे लिए मुश्किल है, पर जल्द ही सभी फिगर्स सामने आ जाएंगे कि मैंने किस तरह के बिजनेस में और कितने प्रतिशत इन्वेस्ट किया है।
‘कार देखो’ की शुरुआत कैसी की ?
मेरा एक बड़ी कंपनी बनाने का मन था। 2007 में मैंने छोटे भाई के साथ एक आउटसोर्सिंग कंपनी शुरू की थी। हम दूसरी कंपनियों के लिए कोडिंग करते थे। तब लगा कि बहुत बड़ी कंपनी बनाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ेगा। तब सोचा कि इंटरनेट के जरिए कुछ ऐसा करते हैं कि एक ही कमरे में बैठकर पूरे भारत तक रीच कर पाएं।
ऐसा कुछ जिसमें डायरेक्टली कंज्यूमर हम तक पहुंच पाए। फिर हम लोग कूद गए एक ऑटो एक्सपो में जो उस वक्त दिल्ली में होता था। फिर हमने देखा यहां कुछ ऐसी गाड़ियां हैं जो हमें मिल नहीं रही ऑनलाइन तो उनके बारे में सभी जानकारी कलेक्ट करते हैं और एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाते हैं, जहां हर किसी को हर गाड़ी से जुड़ी जानकारी मिले।
धीरे-धीरे हमारी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ता गया। फिर हमने और भी कई चीजें प्लान की मोबाइल देखो, स्मार्ट ज्वेलरी और बाइक देखो भी लॉन्च की। फिर कार देखो ही इतना बड़ा हो गया कि सारा फोकस हमने उस पर ही कर दिया।
एक क्लासिफाइड वेबसाइट बनाई जहां कस्टमर अपनी गाड़ी बेच भी सकता है। फिर हमने उसमें इंश्योरेंस भी एड किया, साथ में लोन का फीचर भी शुरू कर दिया। हमने इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस में भी काम फैलाया है। वहां पर भी हमारा बड़ा कारोबार है।
क्या शार्क टैंक में कोई सिर्फ आइडिया लेवल पर भी आया?
इस बार शार्क टैंक में जो लोग आए हैं वो बड़े ही रिफाइन है। जो भी कैंडिडेट आए उन्होंने पहले ही सीजन में देख लिया था कि किस तरह के सवाल आते हैं तो उस लिहाज से वे काफी प्रिपेयर थे, कईयों का बिजनेस पहले ही अच्छा चल रहा है। यहां मुझे बहुत अच्छे फाउंडर मिले, अलग-अलग डोमेन के, जिनसे मुझे बहुत कुछ सीखने को भी मिला। मुझे बहुत मजा भी आया। मैं काफी इन्वेस्ट भी किया। इस बार आइडिया लेवल पर तो भी नहीं आया था।
नए एंटरप्रेन्योर्स के लिए आपके क्या सुझाव हैं?