मप्र इस महीने दो बड़े इवेंट की मेजबानी करने जा रहा है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर समिट। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इसमें शिरकत करेंगे। 66 देश इसका हिस्सा होंगे। दो राष्ट्र प्रमुख, चार विदेश-वित्त मंत्री आ रहे हैं। भास्कर ने मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इसी पर बातचीत की। पढ़िए बातचीत के अंश…
भास्कर: इन्वेस्टर समिट सिर्फ इवेंट बनकर न रह जाए, इसके लिए क्या करेंगे?
सीएम: भाषण से टाइअप नहीं होते, तीन दिन वहां रोज 18 घंटे बैठूंगा और 314 कंपनियां से वन-टू-वन मीटिंग करूंगा।
भास्कर: ग्लोबल समिट से हमारी सबसे बड़ी उम्मीद क्या है?
सीएम: बायर-सेलर मीट होगी। हमारे एक्सपोर्टर की वन-टू- वन मीटिंग होगी। मप्र में जो उत्पाद बने हैं, वे दुनिया में जाएंगे। पूरी दुनिया में मप्र की ब्रांडिंग होगी। चाहे टूरिज्म हो, वाइल्ड लाइफ हो, हेरिटेज हो या धार्मिक टूरिज्म। उत्पादन में हमने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं, ड्यूरम व्हीट, बासमती चावल प्रदर्शित करेंगे। हमारे खानपान और स्वच्छता को हम दुनिया के सामने रखेंगे।
भास्कर: प्री-बुकिंग इस बार कैसी है?
सीएम: रजिस्ट्रेशन 100 डॉलर देकर हुए हैं, मुफ्त नहीं। हर बार 2000 होते थे, इस बार 3800 हो गए हैं। ये दोगुने हैं।
भास्कर: चाइना प्लस वन स्ट्रैटेजी से क्या मप्र को भी उम्मीद है?
सीएम: कई उद्योगपति चीन से बोरिया-बिस्तर समेटकर अपने देश में आना चाहते हैं। वो मप्र में फैक्ट्री लगाना चाहते हैं। इनमें सेमीकंडक्टर और फार्मा सेक्टर के कुछ बड़े ग्रुप्स हैं।,
भास्कर: आपने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए किन बड़े बिजनेस हाउस को खुद फोन कर, मिलकर न्याेता दिया है?
सीएम: 70 बड़े बिजनेसमैन हैं, जिनका 5000 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर है। 10 हजार टर्नओवर वाली कंपनियां भी हैं। टाटा के चंद्रशेखरन, अजय पिरामल, कुमार मंगलम बिड़ला, सुनील भारती मित्तल से मैंने खुद बात की है और उन्हें बुलावा दिया है।
भास्कर: सिर्फ इवेंट बनकर न रह जाए, कंपनी से डील मुकम्मल हो जाए, इसके लिए क्या खास करेंगे?
सीएम: भाषण से टाइअप नहीं होतीं चीजें, टाइअप होती हैं वन-टू-वन से, इसलिए मैं वहां तीन दिन रोज 18 घंटे बैठूंगा और कंपनियों से वन-टू-वन मीटिंग करूंगा। 314 कंपनियां हैं, जो मुझसे वन-टू-वन मीटिंग करना चाहती हैं। 25% सक्सेस रेट है डील का। यह संभव नहीं कि आज बात की और कल लगा दिया।