यशपाल मलिक के द्वारा जसिया में दिए बयान पर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। समिति के पदाधिकारियों ने यशपाल मलिक को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि उनके दिए बयान से जाटों का अपमान हुआ है।
उन्हें अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो फरवरी में उनके खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति राष्ट्रीय संयोजक अशोक बल्हारा ने कहा कि इसके लिए समिति खापों को भी एकजुट करके ऐलान किया जाएगा।
इस बयान पर जताई आपत्ति
बल्हारा ने बताया कि यशपाल मलिक के जसिया में दिए बयान की समिति कड़ी निंदा करती है। उन्होंने बताया कि यशपाल मलिक ने जाट समाज के लोगों के लिए गुंडे, आतंकवादी और चाकू की नोक पर काम करवाने वाले जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर जाटों का अपमान किया है। इसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बयान की कीमत उनको चुकानी होगी।
अब तक जाटों का भविष्य खराब किया
समिति पदाधिकारी बल्हारा ने कहा कि मलिक ने पिछले 15 वर्षों में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल में 21 बच्चों की शहादत करवाई। करीब 2200 मुकदमों से युवाओं का भविष्य खराब हुआ। मलिक ने कौम के करोड़ों रुपए बर्बाद किए। मलिक ने 20 मार्च 2017 को दिल्ली कूच से पहले हरियाणा के लोगों को साथ न लेकर खुद 18 मार्च की रात को सरकार से कौम का सौदा करने का घिनौना काम किया, जिसे कौम कभी माफ नहीं करेगी।
समिति ने रखी अपनी मांगें
इस दौरान समिति पदाधिकारियों ने अपनी मांगे भी रखीं। उनकी मांगों में जाट आंदोलन और किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने, जाटों को हरियाणा में बैकवर्ड क्लास और केंद्र में ओबीसी के तहत आरक्षण मिले, MSP पर गारंटी कानून बने, पूंजीपतियों की तरह किसानों का कर्ज भी माफ हो, अग्निपथ, निजीकरण और मजदूर विरोधी कानून तुरंत प्रभाव से वापस लिए जाना शामिल है।