हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह और जूनियर महिला कोच के विवाद में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चुप्पी ने तोड़ी है। उन्होंने इस पूरे विवाद में कहा कि महिला कोच अनर्गल बयान दे रही है। आरोप लगाने से कोई दोषी साबित नहीं होता उसकी पुलिस छानबीन करती है। इसके बाद ही यह सिद्ध होता है कि जो आरोप लगाए गए हैं वह सही है या नहीं।
खट्टर ने इतना जरूर कहा कि मंत्री को खेल विभाग से हटा दिया गया है। चंडीगढ़ पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा पुलिस की टीम भी तथ्यों को पता लगाने में जुटी है। उसके बाद जो भी सामने आएगा, उस हिसाब से कार्रवाई करेंगे।
जांच पर सवाल न हों, इसलिए खेल विभाग से हटाया
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि पूरे मामले की हरियाणा सरकार निष्पक्ष जांच चाहती है। इसलिए उनसे खेल विभाग वापस ले लिया है। खेल विभाग के नाते एक विषय जा सकता है कि निष्पक्ष जांच नहीं हो रही है। इसलिए उनको वहां से हटा दिया गया है। जांच ठीक से हो जल्द ही पूरे मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। जांच की जो भी रिपोर्ट आएगी उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
महिला कोच बोली- मंत्री पद क्यों नहीं छोड़ा?
जूनियर महिला कोच ने संदीप सिंह पर फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने अभी सिर्फ खेल विभाग ही छोड़ा है। मंत्री वह अभी भी हैं। खेल विभाग के कुछ अधिकारी और खिलाड़ी मेरा साथ दे रहे हैं, जिन्हें संदीप सिंह धमका रहे हैं। जबकि उन्हें नैतिकता के आधार पर सभी पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
10 दिन की ली छुट्टी
जूनियर महिला कोच ने कानूनी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए दस दिन का अवकाश ले लिया है। पीड़िता का कहना है कि लड़ाई लंबी है, इसके साथ ही अपने आत्मसम्मान को बचाने के लिए वह हर तरह से तैयार रहना चाहती है। महिला कोच ने बताया कि विवाद से जुड़े सभी सबूत उसने जुटा लिए हैं, कुछ पुलिस को सौंप दिए हैं। कुछ अभी बाकी हैं, जो जल्द ही पुलिस को सौंप दिए जाएंगे। उनकी छुट्टी भी मंजूर हो गई है।