हरियाणा में रिटायरमेंट बेनिफिट्स में देरी का ब्याज सरकार नहीं देगी। इसके लिए देरी करने वाले ऑफिसर की जिम्मेदारी तय की जाएगी। साथ ही सरकारी कर्मचारी को देने वाले ब्याज की अदायगी के लिए रकम की वसूली भी लापरवाह अफसरों से सरकार करेगी। सूबे के सरकारी खजाने पर पड़ने वाले अतिरिक्त वित्तीय बोझ को कम करने के लिए CM मनोहर ने ये फैसला किया है।

हरियाणा सचिवालय के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि इसमें संबंधित अधिकारियों को देरी से भुगतान पर ब्याज का भुगतान करने के लिए वित्त विभाग को बजट की मांग भेजते समय देरी के कारण का उल्लेख करने के लिए भी कहा गया है।

देरी का अफसरों ने नहीं बताया कारण

हरियाणा के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (वित्त विभाग) ने राज्य के सभी विभागों के प्रमुखों, आयुक्तों, उपायुक्तों, सभी जिला और सत्र न्यायाधीशों के उप-मंडल अधिकारियों को लेटर जारी कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि विभिन्न विभागों से बड़ी संख्या में ऐसे मामले प्राप्त हुए हैं। न्यायालय के आदेशों के अनुसार सेवानिवृत्ति देय राशि आदि के विलंबित भुगतान पर ब्याज के भुगतान के लिए बजट ऑनलाइन करना, लेकिन विलंबित भुगतान का कारण कहीं नहीं बताया गया।

ब्याज की वसूली करेगी सरकार

अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इन मामलों पर पुनर्विचार किया है और निर्णय लिया है कि इस प्रकार का भुगतान राज्य के खजाने पर अतिरिक्त बोझ है। ऐसे मामलों में देरी के लिए कारणों का उल्लेख किया जाना चाहिए। इसके साथ ही लापरवाही करने वाले अफसर भी चिह्नित होने चाहिए, ताकि लापरवाही करने वाले अफसरों से ब्याज की वसूली की जा सके।

कर्ज को लेकर विपक्ष हमलावर

अभी हरियाणा पर कर्ज को लेकर विपक्ष हमलावर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार कर्ज को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर हमले कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने राज्य पर कर्ज के आंकड़ों को सार्वजनिक करते हुए सरकार से श्वेत पत्र की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि हरियाणा सरकार SBI से 19141 और 17946 हजार करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी है। इसके अलावा 14995 करोड़ रुपए RBI से और 13012 करोड़ रुपए नाबार्ड से सरकार कर्ज ले चुकी है।

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