हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर फिर हमला बोला है। उन्होंने राज्य पर कर्ज को लेकर कहा है कि यदि मेरे आंकड़े गलत हैं तो सरकार श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में हालात यह हो चुके हैं कि कर्मचारियों की सैलरी पर भी संकट खड़ा हो गया है। कर्मचारियों को 10 से 15 दिन देरी से तनख्वाह दी जा रही है।
चार बार कर्ज ले चुके CM मनोहर
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से 19141 और 17946 हजार करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी है। इसके अलावा 14995 करोड़ रुपए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से और 13012 करोड़ रुपए नाबार्ड से हरियाणा सरकार कर्ज ले चुकी है।
रेट तय नहीं होने से रुका भुगतान
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने गन्ने के भाव में बढ़ोतरी की मांग की, लेकिन सरकार ने इसे भी खारिज कर दिया। प्रदेश के किसान 450 रुपए प्रति क्विंटल रेट की मांग कर रहे हैं। हुड्डा ने कहा कि इस बार सरकार ने गन्ने के भाव में एक पैसे की भी बढ़ोतरी नहीं की। रेट नहीं बढ़ने की वजह से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। सरकार द्वारा रेट निर्धारण में देरी की वजह से किसानों की पेमेंट भी रुकी हुई है। सरकार पंजाब के बराबर रेट करने के लिए भी तैयार नहीं है।
कांग्रेस ने की 165 फीसदी बढ़ोतरी
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 2005 तक गन्ने का रेट 117 रुपए था। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान इसमें 193 की बढ़ोतरी करके 310 रुपए तक पहुंचाया गया। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गन्ने के रेट में लगभग 3 गुणा यानी 165 फीसदी बढ़ोतरी की गई। यह सालाना लगभग 18.3 प्रतिशत बढ़ोतरी बनती है, लेकिन बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार ने 8 सालों में गन्ने के रेट में सिर्फ 17 फीसदी ही बढ़ोतरी की। यानी सालाना सिर्फ 2.1 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। कांग्रेस के मुकाबले रेट बढ़ोतरी के मामले में बीजेपी-जेजेपी सरकार दूर-दूर तक कहीं नहीं ठहरती।