हरियाणा में कोरोना का खतरा बढ़ गया है। देश में मिले नए वैरिएंट के बाद खुलासा हुआ कि हरियाणा में बूस्टर डोज पर लापरवाही बरती गई है। अभी तक हरियाणा में सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों ने यह डोज ली है।
इसे देखते हुए सरकार ने अब टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट (3T) फॉर्मूला अपना लिया है। राज्य के हर अस्पताल में फ्लू कॉर्नर बनाने के साथ अब 27 को मॉक ड्रिल रखी गई है। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज आपात स्थिति से निपटने के बारे में तैयारियों की पड़ताल करेंगे।
अभी सिर्फ 750 कोवीशील्ड की शीशी
हरियाणा के पास लगभग 1 लाख 40 हजार वैक्सीन हैं, जिसमें से 1 लाख 39 हजार कोवैक्सिन और कोवीशील्ड केवल 750 ही हैं। राज्य को कोवीशील्ड वैक्सीन की जरूरत है। राज्य में वैक्सीनेशन को दोबारा से शुरू करने के लिए और प्रिकॉशन डोज देने के लिए कम से कम हरियाणा को 2 लाख कोवीशील्ड की वैक्सीन की जरूरत है।
यह है अनिल विज का थ्री-T फार्मूला
हरियाणा में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कोरोना को रोकने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग करवाने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोरोना के टेस्ट- ट्रैक और ट्रीट फार्मूले को भी फॉलो करने के लिए कहा है। हरियाणा में लोगों को वैक्सीनेट अच्छी तरह से किया गया है लेकिन पहली और दूसरी डोज के बाद बूस्टर डोज के प्रति लोगों का उदासीन रवैया है।
27 को राज्य भर में मॉक ड्रिल
कोविड-19 के दोबारा फैलने की आशंका को लेकर 27 दिसंबर को मॉक ड्रिल की जाएगी। इसके अलावा, राज्य की हर सुविधा में पिछली कोरोना की तीन लहरों को देखते हुए एक फ्लू कॉर्नर बनाया जाएगा ताकि संक्रमित मरीज को वहां पर रखा जा सके। इसी तरह, फ्लू, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इन्फेक्शन इत्यादि के मामलों का RT-PCR टेस्ट किया जाएगा।
नए वैरिएंट के देश में 4 मरीज
चीन में कोरोना का नया BF.7 सब-वैरिएंट सामने आया। वहां हर दिन इससे 5 हजार मौतें हो रही हैं। भारत में यह वैरिएंट सितंबर में आ गया था। देश में इसके केवल 4 केस हैं। इनमें 3 गुजरात और 1 केस ओडिशा में है। बिना लक्षण के ये मरीज अब स्वस्थ हैं।