देश में कोरोना के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार अलर्ट पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि चीन, जापान, साउथ कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट जरूरी होगा। यदि इन देशों के किसी भी यात्री में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं या टेस्ट पॉजिटिव पाया जाता है तो इन लोगों को क्वारैंटाइन किया जाएगा।
पिछले 24 घंटों में 201 नए केस
देश में पिछले 24 घंटों में 201 नए कोरोना केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि भारत में एक्टिव मामले 3,397 हैं, जो कुल मामलों का 0.01% है। रिकवरी रेट फिलहाल 98.8% है। पिछले 24 घंटों में 183 लोग ठीक हुए हैं, जिससे ठीक होने वालों की कुल संख्या 4,41,42,791 हो गई है।
कोरोना से जुड़े बड़े अपडेट्स…
- दिल्ली एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग शुरू हो गई है।
- आर्मी ने एडवाइजरी जारी कर जवानों को कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कहा।
- दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन को सरकार की मंजूरी, बूस्टर के तौर पर लगेगी। पढ़े पूरी खबर…
- राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में आज से सभी यात्री मास्क पहनेंगे। पढ़ें पूरी खबर…
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- 75% लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लगवाई
दूसरी तरफ, वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट आई है। इसमें बताया गया है कि देश में 75% लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लगवाई है। अभी तक किसी भी राज्य में बूस्टर डोज का कवरेज 50% तक नहीं पहुंचा है। हालांकि, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में 40% से ज्यादा लोगों ने बूस्टर डोज लगवा ली है।
केंद्र की 3 दिनों में 3 हाईलेवल मीटिंग
कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने तीन दिनों में तीन हाईलेवल मीटिंग कीं। शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की। उन्होंने T3 यानी टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति अपनाने पर जोर दिया।
चीन में इस समय कोरोना के BF.7 सब-वैरिएंट से हर दिन 5 हजार मौतें हो रही हैं। यह वैरिएंट भारत में सितंबर में आ गया था। देश में इसके केवल 4 केस हैं। इनमें 3 गुजरात और 1 केस ओडिशा में है। बिना लक्षण के ये मरीज अब स्वस्थ हैं।
27 दिसंबर को अस्पतालों में मॉक ड्रिल होगी
मांडविया ने राज्यों से 27 दिसंबर को अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की मॉक ड्रिल करने के लिए कहा है। खासकर ऑक्सीजन प्लांट और वेंटिलेटर को लेकर राज्यों को आगाह किया। गौरतलब है कि 2020-21 में इन दो चीजों की भारी कमी हुई थी। ऐसे में केंद्र सरकार इन व्यवस्थाओं को पुख्ता रखना चाहती है।