अगर आपके मकान, दुकान या प्लाट का लाखों रुपए का संपत्ति कर आ रहा है और हकीकत में जगह कम है तो घबराए नहीं, आप जैसे कई लोग इन दिनों करनाल नगर निगम की लापरवाही की मार झेल रहे हैं। यह बात हजारों रुपए की नहीं बल्कि लाखों रुपए की है। वह भी ऐसे संपत्ति कर मालिकों की है जो जैसे तैसे करके अपना गुजारा बसर कर रहे हैं।
ऑनलाइन हुए इस सिस्टम में इतना टैक्स किसी शोरूम का नहीं बनता जितना डेढ़ कमरे की जगह का बना हुआ है। निगम की इस लापरवाही ने कई मालिकों को सकते में डाल दिया है।
2 माह से भटक रहे लोग
हैरानी है कि लाखों रुपए के हाउस टैक्स दुरुस्त करवाने के लिए संपत्ति मालिक अपनी रजिस्ट्रियां हाथ में लेकर नगर निगम कार्यालय में 2 माह से भटक रहे हैं, जिन्हें रोजाना ऑनलाइन आवेदन का पाठ पढ़ा कर बैरंग लौटा दिया जाता है। लाखों रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स बनाकर नगर निगम में कई शहरवासियों की रातों की नींद उड़ा दी है और समय अवधि में गलती को दुरुस्त करने में तो आग में घी डालने का काम किया जा रहा है।
निकाय मंत्री कमल गुप्ता पहुंचेंगे
वहीं आजकल NDC पोर्टल को सुविधाजनक बताने वाले लोग शहर से गायब हैं। अच्छी बात यह है कि आज शहर में निकाय मंत्री कमल गुप्ता पहुंचकर लोगों की शिकायतें सुनेंगे और उम्मीद है कि इन भटक रहे संपत्ति मालिकों की परेशानी की और भी ध्यान देंगे।
संपत्ति मालिकों का रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं
नगर निगम के क्षेत्र में लगभग संपत्तियों को ऑनलाइन करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से कंपनी को ठेका दिया गया था। कंपनी के नुमाइंदों की ओर से संपत्ति का ब्यौरा एंट्री करते समय जल्दबाजी की गई, जिसके चलते गड़बड़ियों को ठीक करने में कई बार नगर निगम कार्यालय व क्षेत्रों में शिविर लगाए गए थे, लेकिन उन शिविरों में भी रिकॉर्ड को दुरुस्त नहीं किया गया।
जिसके चलते जिन के लोगों के पास 30 से 50 गज के प्लॉट या मकान है, उनका भी लाखों रुपए का टैक्स आया हुआ। जिसे दुरुस्त करवाने के लिए हर रोज लोग निगम के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
अब तक नहीं बनाए गए हेल्प डेस्क
लोगों ने बताया कि वह रिकॉर्ड को दुरुस्त करवाने के लिए पिछले 2 माह से निगम के अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी समस्या का समाधान नहीं पाया और तो और आज तक निगम द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स की समस्या को लेकर हेल्प डेस्क तक नहीं बनाया गया। जहां पर वह अपने रिकॉर्ड को दुरुस्त करा सकें।