नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने सरकार बनाने के लिए पार्टियों को एक हफ्ते का समय दिया है। पार्टियों को 25 दिसंबर, सुबह 11.15 बजे से पहले सरकार बनाने के लिए दावा करना होगा। नवंबर में हुए चुनाव में प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस को सबसे ज्यादा 89 सीटें मिलीं। हालांकि, पूर्व पीएम और सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ भी पीएम पद के लिए दावा कर रहे हैं। शनिवार को ‘प्रचंड’ ने देउबा से मिलकर नेपाल का नया प्रधानमंत्री बनने की इच्छा व्यक्त की।
दरअसल, प्रचंड और देउबा की पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। चुनाव से पहले दोनों नेताओं के बीच समझौता हुआ था कि सरकार बनने पर वे बारी-बारी से प्रधानमंत्री बनेंगे। अब प्रचंड ने पहले उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की मांग की है। चुनाव से पहले भी नेपाल में इसी गठबंधन की सरकार थी और शेर बहादुर देउबा पीएम थे।
प्रचंड का दावा- मेरे पास सरकार की चाबी
पुष्प दहल की पार्टी को चुनाव में सिर्फ 32 सीटों पर जीत मिली है, फिर भी वे प्रधानमंत्री बनने के लिए दावा कर रहे हैं। कुछ समय पहले प्रचंड ने कहा था कि उनके पास नई सरकार की चाबी है। दरअसल, पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने दहल से वादा किया है कि प्रधानमंत्री पद की दौड़ में उनकी पार्टी दहल का समर्थन करेगी। ओली की सीपीएन-यूएमएल और उसकी सहयोगी पार्टियों ने चुनाव में 104 सीटें जीती हैं।