इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) ने मंगलवार को स्पाइसजेट के ऑडिट किए जाने के दावे को गलत बताया है। UN बॉडी ने कहा कि स्पाइसजेट के हेड ऑफिस में उनकी विजिट का उद्देश्य ऑडिट या इंस्पेक्शन नहीं था। एजेंसी ने यह भी कहा कि उसने दुनिया के किसी भी देश में किसी एयरपोर्ट या एयरलाइन का ऑडिट नहीं किया है।

ICAO ने कहा कि यूनिवर्सल सेफ्टी ओवरसाइट ऑडिट प्रोग्राम (USOAP) टीम ने इस साल 9 से 16 नवंबर तक ICAO कोऑर्डिनेटेड वैलिडेशन मिशन (ICVM) परफॉर्म किया था। ICVM के एक पार्ट के रूप में सिविल एविएशन अथॉरिटी की सेफ्टी ओवरसाइट की इफेक्टिवनेस को वेरिफाई करने के लिए ICAO की टीमें एयरलाइन इंडस्ट्रीज का दौरा करती हैं, जो एक सामान्य प्रैक्टिस है। ICAO यूनाइटेड नेशंस की स्पेशलाइज्ड एजेंसी है, जो सिविल एविएशन के लिए स्टैंडर्ड और रेगुलेशन तय करती है।

स्पाइसजेट ने 5 दिसंबर को बयान जारी कर क्या कहा था?
5 दिसंबर को स्पाइसजेट ने एक बयान जारी कर कहा था, ‘ICAO द्वारा यूनिवर्सल सेफ्टी ओवरसाइट ऑडिट प्रोग्राम (USOAP) के सतत निगरानी दृष्टिकोण के तहत किए गए ऑडिट में स्पाइसजेट एकमात्र शेड्यूल्ड इंडियन एयरलाइन थी। स्पाइसजेट सेफ्टी सिस्टम के ऑडिट ने भारत को ICAO ऑडिट में अब तक की हाईएस्ट सेफ्टी रैंकिंग हासिल करने में मदद की।’

14 नवंबर को ICAO ने स्पाइसजेट के ऑफिस का दौरा किया था
ICAO ऑडिटिंग कमेटी ने 14 नवंबर को दिल्ली एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट के हेड ऑफिस का दौरा किया था। एयरलाइन ने कहा था कि UN बॉडी ने फ्लाइट के क्रिटिकल फंक्शंस और ऑपरेशनल एरियाज का ऑडिट और रिव्यू किया है। जिसमें फ्लाइट प्लानिंग, वेदर असेसमेंट, रूट प्लानिंग, एयरक्राफ्ट सर्विसएबिलिटी जैसे कई एरियाज शामिल हैं।

जुलाई में स्पाइसजेट के कई विमानों में तकनीकी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं।
जुलाई में स्पाइसजेट के कई विमानों में तकनीकी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं।

स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने किया था यह दावा
स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने कहा था कि ICAO के ऑडिट के बाद एयरलाइन के सेफ्टी कल्चर और ऑपरेशंस दुरुस्त पाए गए। इसके बाद सोमवार को स्पाइसजेट ने पैसेंजर्स को एक मेल भेजकर कहा था, ‘आप सुरक्षित हाथों में हैं। यह दावा हम नहीं कर रहे हैं। ICAO के ऑडिट में स्पाइसजेट के सेफ्टी स्टैंडर्ड की पुष्टि हुई है।’

स्टेट रेगुलेटर ने मुद्दे पर कोई भी कमेंट करने से किया इंकार
DGCA के सूत्रों ने कहा कि एयरलाइन का ऑडिट करना स्टेट रेगुलेटर का काम है। रेगुलेटर ने इस मुद्दे पर कोई भी कमेंट करने से इंकार कर दिया है। जुलाई में स्पाइसजेट के कई विमानों में तकनीकी गड़बड़ी की कई शिकायतें सामने आई थीं।

स्पाइसजेट को सिर्फ आधी फ्लाइट ऑपरेट करने की अनुमति
इसके बाद एविएशन रेगुलेटर DGCA ने स्पाइसजेट को सितंबर तक निगरानी में डाल दिया था और फिर इसे और एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। इस दौरान DGCA ने स्पाइसजेट को सिर्फ आधी फ्लाइट ही ऑपरेट करने की अनुमति दी थी।

स्पाइसजेट 17 साल से चल रहा है और यह भारतीय आसमान में सबसे ज्यादा पैसेंजर्स के साथ उड़ान भरने का दावा करता है। अप्रैल 2015 से स्पाइसजेट ने देश में सबसे ज्यादा ऑक्यूपेंसी दर्ज की है। स्पाइसजेट के अनुसार, एयरलाइन रिकॉर्ड 58 महीनों से 90% से ज्यादा के पैसेंजर लोड फैक्टर (PLF) के साथ उड़ान भरने का गौरव रखती है।

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