RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मिडिल क्लास के हित के लिए नीतियां बनाने की वकालत की है। भारत जोड़ो यात्रा में राजन ने भी हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने मौजूदा और भावी आर्थिक मुद्दों पर रघुराम राजन से यात्रा के बीच एक खेत में बने मकान की छत पर इंटरव्यू किया।
राहुल गांधी ने राजन से कहा- आज की दुनिया में सब जगह नफरत फैली है। यूक्रेन से लेकर कई जगह देख लीजिए तो भारत इसमें दुनिया को दिशा दे सकता है। भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस पर राजन ने कहा कि लोकतंत्र हमारी ताकत है। बहुत से देश हमारी तरफ देख रहे हैं कि इंडिया उदाहरण पेश कर सकता हैं।
राजन ने कहा कि आगे आने वाले वक्त में अब सर्विस सेक्टर में क्रांति आएगी। आज भारत में बैठकर अमेरिका में काम किया जा सकता है।
हम पूंजीवाद के खिलाफ नहीं हो सकते हैं
राजन ने कहा- कोरोना काल में काम-धंधे बंद होने की वजह से गरीब-अमीर के बीच असमानता और बढ़ गई है। लोअर मिडल क्लास को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, अपर मिडल क्लास को नुकसान नहीं हुआ है। सबसे गरीब को राशन मिलता है। अमीर को नुकसान नहीं हुआ है। लोअर मिडिल क्लास की तरफ हमें देखना है, हमें नीति उनके लिए बनानी चाहिए। हम पूंजीवाद के खिलाफ नहीं हो सकते हैं।
राहुल गांधी के रघुराम राजन से सवाल-जवाब
राहुल : क्या आप ग्रामीण राजस्थान को देखने आए थे?
राजन : नीमराना के पास के गांवों में देखा था, वहां कितनी फैक्ट्री आ गई हैं, कितना विकास हुआ है । विलेज ट्रांसफॉर्म दिख रहा है।
राहुल : मुझे याद है मैं जब 9 साल का था तब हम नीमराना पिकनिक पर आए थे, तब मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था। मेरी मां ने कंबल ओढ़ाकर मुझे बचाया था।
राजन : वे प्रोटेक्टिव हैं।
राहुल :आप आज की इकोनॉमी को किस तरह देखते हैं?
राजन : इस साल दिक्कतें थी। ग्रोथ स्लो है, भारत का एक्सपोर्ट कम है। कमोडिटी की महंगाई है। महंगाई विकास में बाधक है। समस्या इकोनॉमिक ग्रोथ के नंबर्स की है। कोरोना के बाद दिक्कतें बढ़ी हैं और हमारी विकास दर को कम किया है। कोरोना महामारी से पहले भी हमारी विकास दर कम थी। हमने इसे पैदा किया है।
राहुल : देश में चार-पांच पूंजीपति लगातार अमीर हो रहे हैं। दो भारत बन रहे हैं, एक किसानों और गरीबों का और दूसरा इन पांच-छह पूंजीपतियों का। इस बढ़ती असमानता पर हमें क्या करना चाहिए?
राजन : यह बहुत बढ़ी दिक्कत है। कोरोना काल में अमीर क्लास की आय बढ़ गई, क्योंकि वे घर से काम कर सकते थे, लेकिन गरीब लोगों को फैक्ट्री जाना था, वह बंद हो गई थी। फैक्ट्री बंद होने से मासिक आय बंद हो गई। इससे यह असमानता और बढ़ गई है।