आखिरकार पिपली के बांशिदे अब नगरपरिषद के वोटर बन गए। पहले ग्राम पंचायत रहा पिपली अब नगरपरिषद को तीन पार्षद चुनकर देगा। पिपली हालांकि अब नगरपरिषद के अधीन तो आ गया लेकिन इस कारण शहर में वार्डों की संख्या नहीं बढ़ाई गई। पहले भी शहर में 31 वार्ड थे, अब पिपली शामिल होने के बाद भी वार्डों की संख्या 31 ही रहेगी।
पिपली की आबादी को तीन वार्डों में समायोजित किया गया है। एक-दूसरे के साथ लगते इन तीन वार्डों में पिपली के वोटर होंगे। कुछ समय पहले हुई नई वार्डबंदी के बाद अब वार्डों की शक्ल भी बदल गई है। अधिकांश वार्डों का एरिया बदला भी है। वहीं अब वोटरलिस्ट भी फाइनल हो चुकी है।
तीन वार्डों में बंटा पिपली : पिपली पहले ग्राम पंचायत था। यहां से सरपंच व पंच चुने जाते थे लेकिन अब यह थानेसर नगरपरिषद का हिस्सा होगा। कुरुक्षेत्र शहर में नप थानेसर के नाम से है। पिपली के लिए अलग से कोई एक वार्ड बनाना संभव नहीं था क्योंकि ऐसा करने से एक ही वार्ड में 7 हजार से अधिक वोटर हो जाते। लिहाजा पिपली को तीन वार्डों में बांटा गया है। इसे लेकर आपत्तियां भी उठ रही हैं। आरोप हैं कि सत्ता पक्ष ने अपनी सहूलियत के अनुसार ऐसा किया है।
वार्ड 9 से 11 में पिपली के वोटर : अब पिपली के वोटरों को तीन वार्डों में समायोजित किया है। इनमें वार्ड नौ, दस व 11 शामिल हैं। सबसे ज्यादा वार्ड दस में पिपली के वोटर हैं। हालांकि पिछले प्लान में वार्ड नौ व दस सेक्टरों की तरफ थे। अब ये पिपली एरिया में आ गए हैं।
वार्ड नौ में करीब 1500 वोटर पिपली के जुड़े हैं जबकि वार्ड दस में छह हजार के करीब वोटर अटैच किए गए। वहीं करीब 80 वोटर वार्ड 11 में समायोजित किए हैं। वार्ड नौ में अब 3287 वोटर हैं। इनमें 1690 पुरुष व बाकी महिला वोटर हैं जबकि वार्ड दस में 6274 से अधिक वोटर हैं। इनमें 3185 पुरुष तो 3089 महिला वोटर हैं। वहीं वार्ड 11 में 2372 वोटर हैं। इनमें 1230 पुरुष हैं।
पिछले प्लान में पिपली ग्राम पंचायत था, अब दर्जा हुआ खत्म
बता दें कि पिछले प्लान में पिपली ग्राम पंचायत था लेकिन अब यहां पंचायत का दर्जा खत्म हो गया। लिहाजा गत दिनों संपन्न हुए पंचायत चुनावों में पिपली में पंचायत चुनाव नहीं हुआ। गौरतलब है कि पिपली पहले भी नगरपरिषद के अधीन था, तब यह दो वार्डों में शामिल था लेकिन बाद में इसे पंचायत बना दिया गया। लंबे समय से इसे पंचायत के बजाए नप के अधीन लाने की मांग भी उठ रही थी।
पिपली ग्राम पंचायत के साथ कई कॉलोनियों को भी नप में किया मर्ज
पहले पिपली ही शामिल था लेकिन नगरपरिषद के तहत पिपली के साथ-साथ अब आसपास की कॉलोनियां भी शामिल हुई हैं। इनमें मुख्य तौर पर अंसल सिटी, हरमन सिटी, जिंदल सिटी व सुशांत सिटी और सेक्टर 30 का एरिया शामिल है। पिपली में आबादी 12 हजार से अधिक है। मुख्य पिपली एरिया के वोटर वार्ड दस में शामिल किए हैं जबकि सिंधी स्वीट से पुलिस लाइन तक का एरिया वार्ड 9 और बाकी वार्ड 11 के साथ अटैच हुआ है।
मांग पूरी- पिपली को नप में शामिल करने की मांग कई साल से हो रही थी, एक किमी में 400 की आबादी घनत्व का रखा पैमाना
पिपली को नप में लाने की मांग तो बरसों से हो रही थी। कई बार घोषणा हुई। पिछले करीब 4 सालों से इसे लेकर कवायद चल रही थी। सन् 2020 में नप हाउस ने भी प्रस्ताव पारित कर दिया। वहीं पंचायत भी प्रस्ताव पारित कर चुकी थी लेकिन औपचारिकताएं पूरी करने में ही इतना समय खप गया।
बता दें कि नप के तहत आने के लिए संबंधित इलाके में 70 प्रतिशत नॉन एग्रीकल्चरल गतिविधियां होनी चाहिए। एक किमी में 400 की आबादी घनत्व होना चाहिए। उक्त दोनों पैमानों पर पिपली खरा उतरता है। ईओ बलबीर सिंह व एमई संदीप के मुताबिक इसे लेकर नोटिफिकेशन पहले ही हो चुका था। पहले प्रस्ताव में कुछ औपचारिकताएं बाकी थी, वह पूरा होते ही नोटिफिकेशन की प्रक्रिया गत मार्च में संपन्न हो चुकी थी।
सुविधा- पिपली पंचायत के पास आमदन के ज्यादा साधन नहीं थे, अब नगर परिषद यहां बिना अड़चन डिवेलपमेंट करा सकेगी
बता दें कि पिपली पंचायत के पास आमदन के ज्यादा साधन नहीं थे। यहां नगरपरिषद ही एक तरह से काम करवा रही थी। विधायक सुभाष सुधा का कहना है कि अब नगरपरिषद यहां बिना अड़चन डिवेलपमेंट करा सकेगी। पिपली के बाशिंदों की बरसों पुरानी मांग पूरी हो गई है। नप चुनाव में पिपली के बाशिंदे तीन पार्षद चुनेंगे।