हरियाणा सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग खत्म कर दिया है। सूबा सरकार ने 19 विभागों को मर्ज कर 8 बना दिए हैं। अग्निशमन को निकाय से निकालकर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में शिफ्ट कर दिया गया है। विभागों की मर्जिंग के बाद कैबिनेट मंत्रियों के पोर्टफोलियो में बदलाव तय माना जा रहा है।

हाई लेवल मीटिंग में हुआ तय
21 नवंबर को CM मनोहर लाल की अध्यक्षता में विभागों के मर्जर को लेकर हाई लेवल मीटिंग हुई थी, जिसमें मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के विशेष प्रधान सचिव डीएस ढेसी, सीएम के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर और मानव संसाधन विभाग के विशेष सचिव आदित्य दहिया के अलावा प्रशासनिक सचिव ने विचार-विमर्श के बाद एजेंडा पर मुहर लगाई थी।

विभागों को आपस में मर्ज किए जाने से कर्मचारियों की कार्यकुशलता और कामों में तेजी आएगी।
विभागों को आपस में मर्ज किए जाने से कर्मचारियों की कार्यकुशलता और कामों में तेजी आएगी।

मर्ज किए जाने से होगा फायदा
विभागों को आपस में मर्ज किए जाने से कर्मचारियों की कार्यकुशलता और कामों में तेजी आएगी। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही सरकार इन्हें संवैधानिक दर्जा देने के लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक के रूप में लाएगी। सबसे अहम बात यह है कि मर्ज हुए विभागों का मंत्री और प्रशासनिक सचिव एक ही होगा। निदेशालय पहले की तरह ही रहेंगे साथ ही कर्मचारियों का कैडर भी मर्ज नहीं होगा।

मंत्रियों का बदलेगा पोर्टफोलिया
हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद मंत्रियों के पोर्टफोलियो में भी बदलाव होगा। यह बदलाव मुख्यमंत्री मनोहर लाल दिसंबर लास्ट या जनवरी की शुरुआत में कर सकते हैं। CMO के सूत्रों अनुसार, बदलाव के साथ ही एक या दो कैबिनेट मंत्रियों की छुट्टी भी की जा सकती है।

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