देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हरियाणा की बेटियों की मुरीद हैं। हरियाणा दौरे के दूसरे दिन चंडीगढ़ में उन्होंने बेटियों की तारीफ में खूब कसीदे पढ़े। उन्होंने कहा कि यहां की बेटियों का दम पूरी दुनिया देख चुकी है। CM मनोहर लाल भी राज्य में बेटी संरक्षण में अच्छा काम कर रहे हैं। यही कारण हैं कि यहां पर लड़कियों के अनुपात में लगातार सुधार हुआ है।
आशा वर्कर, महिला खिलाड़ियों से किया संवाद
हरियाणा राजभवन में स्टेट गेस्ट के रूप में उन्होंने आशा वर्कर और महिला खिलाड़ियों से संवाद किया। इस दौरान उनके साथ कॉमनवेल्थ गेम्स की पदक विजेता खिलाड़ी पूजा गहलोत, पूजा सिहाग, सुचित्रा तरियाल, ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली सीमा बिसला, सोनम मलिक ने राष्ट्रपति के संवाद में हिस्सा लिया।
डॉक्टरों, एएनएम से किया संवाद
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉक्टरों, आशा वर्कर्स और एएनएम से सीधा संवाद करते हुए उनसे बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ अभियान के कार्यान्वयन और इस दौरान आई कठिनाईयों से जुड़े अनुभवों को जाना। संवाद के दौरान एक डॉक्टर ने बताया कि वर्ष 2015 में पानीपत से PM नरेंद्र मोदी ने इस अभियान की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस अभियान के लिए अलग से एक सेल का गठन किया था।
अनीता कुंडू ने बताए अपने अनुभव
राष्ट्रपति से 3 बार माउंट एवरेस्ट और सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर तिरंगा लहराने वाली हिसार जिले की पर्वतारोही अनीता कुंडू ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि उनके पिता के निधन के बाद उनकी मां ने किस प्रकार उनका साथ दिया और वे आज इस मुकाम पर पहुंची हैं। उनकी इस यात्रा में हरियाणा सरकार का भी भरपूर सहयोग मिला। महिला पहलवानों ने भी राष्ट्रपति को अपने जीवन के अनुभवों को बताया।
बेटियों के जन्मदिन पर होती है दिवाली
हरियाणा राजभवन में हुए संवाद कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हरियाणा में बेटियों के संरक्षण के लिए अभूतपूर्व काम हो रहे हैं। यही वजह है कि हरियाणा में बेटियों के लिए धारणाएं भी बदल गई हैं। सीएम मनोहर भी बोले कि हरियाणा में अब बेटियों के जन्म पर दिवाली मनाई जाती है।
हरियाणा के स्वागत से अभिभूत हुईं राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हरियाणा में जो स्वागत हुआ उससे मैं अभिभूत हूं। हरियाणा की मेरी यह यात्रा अविस्मरणीय रही। हरियाणा की संस्कृति हमारी वैदिक और प्राचीन संस्कृति है। यहां 2 फीसदी से कम जनसंख्या होने पर भी देश के समग्र विकास में हरियाणा ने अच्छा योगदान दिया है। हरियाणा ने खेल के साथ ही संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है।