राधाकृष्ण आर्य का गुरुकुल कुरुक्षेत्र में हुआ भव्य स्वागत, राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने दी शुभकामनाएं
कुरुक्षेत्र, 1 दिसम्बर 2022: आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के त्रिवार्षिक चुनाव में इस बार कैथल के प्रसिद्ध समाजसेवी राधाकृष्ण आर्य ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विशुद्ध आर्य समाजी परिवार में जन्मे, साफ-स्वच्छ छवि, मिलनसार और मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी राधाकृष्ण आर्य को निर्विरोध सभा का प्रधान चुना गया है। सभा के नवनिर्वाचित प्रधान राधाकृष्ण आर्य गुरुकुल कुरुक्षेत्र पहुंचे जहां पर गुरुकुल के प्रधान राजकुमार गर्ग, उप प्रधान मा0 सतपाल काम्बोज, निदेशक कर्नल अरुण दत्ता, प्राचार्य सुबे प्रताप, व्यवस्थापक रामनिवास आर्य, मुख्य लेखा अधिकारी सतपाल सिंह, लेखा अधिकारी अनिल कुमार, दिलबाग सिंह, महक सिंह, प्रवीण कुमार, अशोक कुमार आदि ने पुष्प-मालाओं से उनका भव्य स्वागत किया। इसी क्रम में वेद प्रचार के वरिष्ठ भजनोपदेशक महाशय जयपाल आर्य, जसविन्द्र आर्य, कैथल प्रभारी मनीराम आर्य ने भी राधाकृष्ण आर्य को बधाई व शुभकामनाएं दीं। राधाकृष्ण आर्य महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी सहित गुरुकुल परिवार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सभा के प्रधान के रूप में उन्हें जो बड़ी जिम्मेदारी आर्य समाज के लोगों ने सौंपी हैं उसे वे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाएंगे साथ ही आर्य समाज और ऋषि दयानन्द के अमर संदेश को जन-जन तक पहुंचाने और आर्य प्रतिनिधि सभा के माध्यम से समाज में फैली बुराइयांे को दूर करने का भरसक प्रयास करेंगे। उन्होंने चुनाव में सहयोग करने वाले सभी आर्यजनों का भी आभार जताया। साथ ही कहा कि चुनाव प्रक्रिया एक आम बात है, इसमें जीत-हार निश्चित है। उनका किसी से कोई द्वेष नहीं है, सभा और आर्य समाज के उत्थान हेतु वे सभी को साथ लेकर चलेंगे और समाज में जाग्रति लाएंगे।
इस अवसर पर राधाकृष्ण आर्य ने कहा कि वेद प्रचार और आर्य समाज के कार्य को विस्तार रूप दिया जाएगा। इसके लिए अधिक से अधिक भजन टोलियों और योग शिक्षकों की नियुक्तियां की जाएंगी। जो प्रचार रथ में गांव-गांव जाकर लोगों को दैनिक यज्ञ, आर्य समाज और वेदों के विषय में जागरूक करेंगे। साथ ही विद्यालयों में योग शिक्षक युवाओं को योगासन, प्राणायाम, व्यायाम के साथ चरित्र निर्माण, शक्ति संचय आदि प्रशिक्षण देंगे। उन्होंने बताया कि सभा द्वारा वर्ष भर आर्य वीर दल के शिविरों और शाखाओं का आयोजन होता रहे, ऐसी योजना बनाई जाएगी जिसमें अधिक से अधिक युवा प्रशिक्षण लेकर दूसरे युवाओं को आर्य समाज से जोड़ने का सफल प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या, नशाखोरी और अंधविश्वास जैसी बुराइयों को दूर करने के लिए भरसक प्रयास करेंगे। नशा आज की युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा है। नशे की लत के कारण कई घर बरबाद हो गये है, इस पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है। इसके लिए कानून के साथ-साथ समाज में जाग्रति आना जरूरी है। युवाओं को अपने भले-बुरे का जब तक ज्ञान नहीं होगा, समाज से बुराइयां समाप्त नहीं होगी। ऐसा ही प्रयास कन्या भू्रण हत्या को लेकर किया जाना चाहिए। राधाकृष्ण आर्य ने कहा कि वेे एक सभा के अधूरे कार्य को पूरा करने का प्रयास करेंगे। इसके लिए उनकी पूरी टीम दृढ़ संकल्प है। हरियाणा में जहां-जहां भी सभा की प्रोपर्टी है, अगर उन पर अवैध कब्जा है तो उसे कब्जामुक्त करवाया जाएगा। सभा द्वारा संचालित विभिन्न स्कूल, कॉलेजों मंे और अधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी।
बता दें कि स्वामी ओमानन्द जी के बाद लगभग 30 वर्ष उपरान्त ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रधान पद के साथ-साथ उप प्रधान, मंत्री, उप मंत्री और कोषाध्यक्ष भी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। इसके अलावा अंतरंग सदस्यों के लिए कोई वोटिंग नहीं हुई क्योंकि अंतरंग सदस्यों को भी बिना किसी विरोध के चुना गया है। सभा के चुनाव हेतु 25 नवम्बर को नामांकन दाखिल करना था जिसमें राधाकृष्ण आर्य ने प्रधान पद के लिए, देशबन्धु मदान ने उप प्रधान, उम्मेद शर्मा ने मंत्री, अनुराग आर्य ने उपमंत्री, सुमित्रा आर्या ने कोषाध्यक्ष तथा सतीश बंसल ने पुस्तकालयाध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा। इसी क्रम में अंतरंग कार्यकारिणी के सदस्यों हेतु राममेहर आर्य, जितेन्द्र कादियान, बलवान आर्य, देवदत्त आर्य, नायब सिंह, विजयपाल, रमेश आर्य, विरेन्द्र आर्य, रघुबीर आर्य, डॉ0 राजिन्द्र विद्यालंकार, जगदीश आर्य, शिवकुमार आर्य, आचार्य ऋषिपाल, जयदेव आर्य और जगदेव आर्य नामांकन भरा। इन सभी पदों पर कोई दूसरा नामांकन न आने की सूरत में उक्त सभी को सर्वसम्मति से निर्वाचित किया गया है जो सभा के चुनाव इतिहास में एक रिकार्ड है।