हरियाणा के पंचायती चुनावों के नतीजे सिंबल पर लड़ने वाली पार्टियों की आशा के अनुरूप नहीं रहे। विजेता जिला परिषद के निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या अधिक होने पर अब पार्टियां उन पर दावा ठोक रही हैं। कांग्रेस ने कभी भी जिला परिषद के चुनावों में पार्टी उम्मीदवार नहीं उतारे।
परंतु निर्दलीय उम्मीदवारों को मिलने वाले 87 प्रतिशत वोट को राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेसी बताया। साथ ही ट्वीट करते हुए पार्टियां को वोट प्रतिशत और विजेता उम्मीदवारों की संख्या बता दी। दीपेंद्र हुड्डा ने जजपा को शून्य सीट दिखाते हुए केवल 1498 वोट ही बताएं। इस पर दीपेंद्र हुड्डा और दिग्विजय चौटाला में चुनावी जंग शुरू हो गई है।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जिला परिषद नतीजों में फिर भाजपा- जजपा को झटका लगा है। भाजपा के 22 उम्मीदवार ही जीत पाए। 87 प्रतिशत हरियाणा के लोगों ने निर्दलीय और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को वोट दी। निर्दलीय में बहुत बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थित है। भाजपा ने 5 प्रतिशत, इनेलो और आप को 3 प्रतिशत वोट, बसपा को 2 प्रतिशत वोट मिली। हम ये चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ते, लेकिन सिंबल पर लड़ रही पाटिर्यों को लोगों ने नकार के फिर संकेत दिया कि भविष्य कांग्रेस का है। भाजपा सरकार के मंत्रियों और परिजनों को हार का मुंह देखना पड़ा। जजपा के मंत्रियों के परिजन भी हार गए।
दिग्विजय का दावा 100 से अधिक जीते
वहीं दिग्विजय चौटाला ने भी ट्वीट करके चुटकी लेते हुए कहा कि प्रिय दीपेंद्र हुड्डा जी, जिला परिषद चुनाव में जेजेपी के समर्थित उम्मीदवार बिना सिंबल के मैदान में थे, जिनमें 100 से अधिक जीते हैं। चेयरमैन- वाइस चेयरमैन चुनावों में साबित हो जाएगा कि इस प्रकार की तथ्य हीन पोस्ट डालकर आप प्रदेश वासियों को भ्रमित कर रहे हैं।
दिग्गजों के रिश्तेदार हारे
पंचायती चुनावों में दिग्गज नेताओं के रिश्तेदार हार गए। जजपा प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह का बेटा, मंत्री अनूप धानक की चाची और सांसद नायब सिंह की पत्नी भी चुनाव हार गई।