राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 29 नवंबर को करेंगी मध्यप्रदेश व हरियाणा पवेलियन का उदघाटन, आमजन को सपूर्द करेंगी गीता मूर्तिकला उद्यान, मध्य प्रदेश पार्टनर राज्य के 120 से ज्यादा लोक कलाकार 4 दिसंबर को मुख्य मंच पर देंगे अपनी प्रस्तुतियां, हरियाणा पवेलियन में नजर आएंगी प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत
कुरुक्षेत्र 25 नवंबर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 के मंच पर पहली बार मध्यप्रदेश का पवेलियन सजने जा रहा है। इस पवेलियन में पर्यटकों को 14 कलाएं और 64 विद्याएं देखने को मिलेंगी। इन लोक कलाओं के साथ-साथ पार्टनर स्टेट मध्य प्रदेश से 120 से ज्यादा लोक कलाकार 4 दिसंबर को महोत्सव के मुख्य मंच पर सायं के समय सांस्कृतिक प्रस्तुति भी देंगे। इस महोत्सव में पहली बार मध्य प्रदेश की लोक कलाओं और लोक संस्कृति का संगम देखने को मिलेगा। इस महोत्सव के मंच पर हरियाणा पवेलियन में हरियाणा की लोक संस्कृति को भी देखने का अवसर मिलेगा। इन दोनों पवेलियन का उद्घाटन 29 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे।
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 में मध्यप्रदेश को पार्टनर स्टेट और नेपाल को पार्टनर कंट्री बनाया गया है। इस महोत्सव के लिए पुरुषोत्तमपुरा बाग में मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से पवेलियन का निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया है। इस पवेलियन में दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों को 14 कलाएं और 64 विद्याएं देखने को मिलेंगी। इस पवेलियन में मध्य प्रदेश की तरफ से लगाई जाने वाली प्रदर्शनी में उज्जैन और कुरुक्षेत्र के सबंध का वृतांत भी देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी शिक्षा उज्जैन में प्राप्त की और कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर ज्ञान का संदेश दिया। इसके अलावा मध्य प्रदेश की प्रदर्शनी में महाकाल लोक को भी दिखाया जाएगा। इस पवेलियन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे।
उन्होंने कहा कि 4 दिसंबर को मध्य प्रदेश की तरफ से महोत्सव के मुख्य मंच मेला क्षेत्र में 120 से ज्यादा कलाकार एक विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा 29 नवंबर से 4 दिसंबर तक श्री लीलाधर रैकवार सागर द्वारा ढिमरयाई नृत्य, राजेश मौर्य द्वारा काठी नृत्य, अजय सिसोदिया द्वारा भीली व्यंजन, यश बलोदिया द्वारा मालवी व्यंजन तैयार किए जाएंगे, 29 नवंबर से 1 दिसंबर तक मनीष यादव द्वारा बरेदी नृत्य, दयाराम बैगा द्वारा बैगा जनजातिय नृत्य, कैलाश सिसोदिया द्वारा भील जनजातीय नृत्य, स्वाति उखले द्वारा मालवी नृत्य, 2 दिसंबर से 4 दिसंबर तक तुलेश्वर भार्वे द्वारा गोंड जनजातीय नृत्य, कमल सिंह मरावी द्वारा सैला नृत्य, अरविंद यादव द्वारा बधाई नृत्य, अर्जुन वाघमारे द्वारा ठाट्या नृत्य, 30 नवंबर को अंजना झा द्वारा कृष्ण छवि, 1 दिसंबर को मंजूमणि हतवलने द्वारा श्रीकृष्णप्रिया तुलसी, 2 दिसंबर को पल्लवी किशन द्वारा श्रीकृष्ण जगत गुरु, 3 दिसंबर को अनिता खरे द्वारा श्रीकृष्ण और 4 दिसंबर को चंद्रमाधव बारीक द्वारा अमृत मध्य प्रदेश की प्रस्तुति दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि पुरुषोत्तमपुरा बाग में हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा हरियाणा पवेलियन लगाने का कार्य शुरु कर दिया गया है। इस पवेलियन में हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत देखने को मिलेगी। इस विरासत में ग्रामीण आंचल का खान-पान, परिवेश, वेश-भुषा, लोक संस्कृति, हरियाणा की आन-बान-शान पगड़ी का स्टॉल भी आकर्षण का केंद्र रहेगा। इस पवेलियन के साथ ही केडीबी व हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के संयुक्त प्रयासों से तैयार की गई 21 मूर्तियों को लेकर गीता मूर्तिकला उद्यान की स्थापना की गई है। इन तीनों प्रदर्शनियों का उद्घाटन राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री मनोहर लाल 29 नवंबर को करेंगे।

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