कुरूक्षेत्र। …जब शिल्पकारों की अदभुत शिल्पकला को देखकर आश्चर्य चकित हुए पर्यटक, जहां एक ओर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आगाज हो चुका है, वहीं दूसरी ओर दूसरे प्रदेशों से ब्रह्मसरोवर के तट पर पहुंचे शिल्पकारों की अदभुत शिल्पकला ने पर्यटकों को आश्चर्यचकित कर दिया है। इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर का तट शिल्पकारों की शिल्पकला से सज चुका है और इस शिल्पकला को देखने वाले दूसरे प्रदेशों के पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी इन शिल्पकला को देखकर हैरान हो चुके है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में 19 नवंबर से 6 दिसंबर तक चलने वाले सरस और क्राफ्ट मेले में आने वाले पर्यटकों को इस बार अनोखी शिल्पकला देखने को मिल रही है और यहां पर आने वाले सभी पर्यटक इन सभी शिल्पकारों की शिल्पकला से निर्मित वस्तुओं की जमकर खरीदारी कर रहे है। इस महोत्सव में शिल्पकारों की अविश्वसनीय शिल्पकला और हाथ की कारीगरी ने ब्रह्मसरोवर के तट पर लगने वाले सरस और क्राफ्ट मेले की फिजा में रंग भरने का काम किया है, जिससे यहां पर आने वाला प्रत्येक व्यक्ति इस महोत्सव की जमकर प्रशंसा कर रहे है। कोरोना महामारी के कारण पिछले साल भी महोत्सव के स्वरूप को छोटा कर दिया गया था, लेकिन अबकी बार कुरुक्षेत्र-धर्मक्षेत्र की पावन धरा पर आने वाला प्रत्येक पर्यटक इस महोत्सव का भरपूर आनंद ले रहा है। इस महोत्सव में जहां एक ओर शिल्पकार अपनी शिल्पकला से महोत्सव में रंग भर रहा है, वहीं दूसरी ओर ब्रह्मसरोवर के तट पर पर्यटकों के मनोरंजन के लिए एनजेडसीसी की तरफ से बहरूपिए लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हुए है और सभी स्थानीय और दूर-दराज से आने वाले पर्यटक इन बहरूपियों के साथ सेल्फी लेकर इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का लुफ्त उठा रहे है।