हरियाणा के रेवाड़ी जिले के औद्योगिक कस्बा धारूहेड़ा में बनाई गई श्री नंदू गौशाला में 3 दिन से चारा खत्म है। 500 से ज्यादा बेजुबान पशु भूख की वजह से अधिकारियों का मुंह ताक रहे हैं। नगर पालिका धारूहेड़ा की तरफ से पेमेंट नहीं करने की वजह से ठेकेदार ने गौशाला का चारा बंद कर दिया है। गौशाला प्रबंधन का कार्य देखने वाली कार्यकारिणी इसको लेकर गुरुवार को DC अशोक कुमार गर्ग से मुलाकात करेगी।
जुलाई में भी कई दिन भूखे रहे थे पशु
इससे पहले जुलाई में भी इसी तरह ठेकेदार की पेमेंट नहीं होने पर गौशाला में रखे गए नंदी और गाय कई दिन तक भूखे रहे थे। कुछ दिन सामाजसेवियों की मदद से चारा भी पहुंचा, लेकिन बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के दखल के बाद ठेकेदार की पेमेंट हुई और फिर से चारा सुचारू रूप से गौशाला पहुंचने लगा, लेकिन अब सितंबर माह की 8 लाख की पेमेंट रोक दी गई। अक्टूबर व नवंबर की प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली, जिसके वजह से ठेकेदार ने 3 दिन पहले चारा भेजना बंद कर दिया।
2 साल पहने बनी थी गौशाला
2 साल पहले धारूहेड़ा कस्बे के गरीब नगर में निकाय विभाग की 7 एकड़ जमीन पर गौशाला बनाई गई थी। गौशाला का नाम नंदू गौशाला और उपचार सेंटर रखा गया। निकाय विभाग ने इस पर 30 लाख रुपए खर्च किए। गौशाला प्रबंधन के लिए बनी कमेटी ने गांव-गांव जाकर 50 लाख रुपए से ज्यादा एकत्रित करके इसे भव्य गौशाला का रूप दिया। गौशाला में इस समय 500 से ज्यादा नंदी व गाय रखी गई हैं। गौशाला में पशुओं के चारे के लिए सरकारी स्तर पर टेंडर छोड़ा गया था।
7 एकड़ जमीन पर बनाई गौशाला
बता दें कि पिछले कई सालों से रेवाड़ी के अलावा धारूहेड़ा, बावल में पशुओं की वजह से कई लोगों की जान चली गई थी। कई लोग बुरी तरह जख्मी हुए। उसके बाद पशुओं को पकड़ने की मांग ने जोर पकड़ा तो धारूहेड़ा में 7 एकड़ जमीन पर गौशाला बनाई गई, जिसमें पिछले 2 साल के अंदर 500 से लावारिस पशुओं को पकड़कर रखा गया। शुरुआत में इनके रख-रखाव को लेकर बड़े दावे किए गए, लेकिन अब इन्हें चारा ही नहीं मिल रहा है।
रोजाना लगता है 70-80 क्विटंल चारा
इस गौशाला में रखे गए 500 से ज्यादा पशुओं को रोजाना 70-80 क्विंटल चारा खिलाया जाता है। कभी कभार कुछ दानी भी गौशाला में चारा भेंट कर जाते हैं, लेकिन इतने सारे पशुओं को रोजाना चारा खिलाने में निकाय विभाग का सहयोग बहुत जरूरी है। गौशाला प्रधान ने कहा कि कुछ माह पहले जब इसी तरह की समस्या खड़ी हुई तब भी कुछ दानी लोगों ने मदद की थी। उन्हें पशुओं के चारे के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
प्रधान बोले- पशुओं पर किया जा रहा अत्याचार
श्री नंदू गौशाला के प्रधान रोहित यादव ने कहा कि धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन और अधिकारी मिलकर ठेकेदार की पेमेंट नहीं कर रहे। जबकि गौशाला बनाते वक्त कहा गया था कि अगर दानियों की तरफ से चारा नहीं मिला तो नगर पालिका और रेवाड़ी नगर परिषद इसका इंतजाम करेगी। बकायदा सरकारी टेंडर छोड़ा गया, लेकिन अब चारे के नाम पर बेजुबानों पर अत्याचार किया जा रहा है। 3 दिन से गौशाला में पशु भूखे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा।