31 साल बाद प्रसिद्ध संत मुरारी बापू कुरुक्षेत्र धरा पर दोबारा कथा करने पहुंचे। ब्रह्मसरोवर किनारे मेला पार्किंग में भव्य पंडाल में श्रीरामकथा गीता मानस का शनिवार दोपहर बाद विधिवत शुभारंभ हुआ। इसमें कई प्रसिद्ध संतों के सान्निध्य में सीएम मनोहरलाल व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने पूजा-अर्चना के बाद कथा का शुभारंभ कराया।
31 साल पहले मुरारी बापू जयराम आश्रम में गीता जयंती के उपलक्ष्य में कथा करने पहुंचे थे। जयराम आश्रम प्रशासन के समानांतर गीता जयंती मनाता आ रहा है। अब इसमें गीता ज्ञान संस्थानम भी प्रमुख भागीदार बन चुका है। इस बार मुरारीबापू गीता ज्ञान संस्थानम् की तरफ से कथा करने पहुंचे हैं। खास बात यह रही कि मंच पर जयराम संस्थाओं के संचालक ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी भी मौजूद रहे।
रामायण सिर पर रख निकले सीएम : कथा शुभारंभ से पहले गीता ज्ञान संस्थानम् में अतिथियों ने श्रीश्री कृपा बिहारी मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन किए। यहां से मुख्यमंत्री ने कथा स्थल में व्यास पीठ पर विराजित करने हेतु रामायण को अपने सिर पर धारण कर निकले। मंदिर की सीढ़ियों से उतरकर रामायण मुख्य यजमान राज सिंगला रामायण को सौंप दी। यहां से सभी पैदल रामायण व्यासपीठ पर लेकर पहुंचे।
पूजन के बाद शुरू कराई कथा : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला व मुख्यमंत्री मनोहर लाल 9 दिवसीय श्रीराम कथा का शुभारंभ किया। मौके पर संत मुरारी बापू, स्वामी ज्ञानानंद, वृंदावन रमनरेती से कासनी स्वामी गुरु शरणानंद महाराज, मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज, जयराम संस्थाओं के संचालक स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, कृष्ण बेदी, भारत भूषण भारती ने दीपशिखा प्रज्वलित कर और पवित्र ग्रंथ रामायण का पूजन कर श्रीराम कथा का शुभारंभ किया। मुख्य यजमान राज सिंगला, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, इंग्लैंस से अनीत कपूर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
राम चरितमानस में गीता सम्माहित : मुरारी बापू
मुरारी बापू ने श्री राम कथा मानस गीता के पहले दिन प्रथम सत्र में रामायण के साथ गीता के महत्व पर प्रकाश डाला । मुरारी बापू ने कहा कि भगवान कृष्ण विश्वरूप है और भगवान श्री कृष्ण की वाणी वैश्विक है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में गीता सम्माहित है और मानस स्वयं गीता है। उन्होंने कहा कि मानस को हम क्यों न गीता कहें।
अर्जुन और कृष्ण के बीच संवाद का जिक्र करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में किसी न किसी प्रकार का विषाद है, पीड़ा है, दुख है। गीता ने कहा कि विशाद में विवाद नहीं संवाद करें। कभी-कभी हम बिना किसी कारण विषाद में आ जाते हैं। विशाद से मुक्त होने का एकमात्र रास्ता संवाद है। उन्होंने कहा कि विषाद में तब तक संवाद करते रहें जब तक प्रसाद अवतरित न हो जाए।
पूरे विश्व को होंगे आध्यात्मिक संस्कृति के दर्शन : बिड़ला
बिड़ला ने कहा कि श्रीराम कथा और श्रीमद्भागवत गीता का संदेश व कथा की अमृत वाणी कुरुक्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहेंगी, इन ग्रंथों की वाणी पूरे विश्व तक पहुंचेंगी। संत श्री मुरारी बापू की श्रीराम कथा के माध्यम से भगवान श्रीराम का संदेश जन-जन तक पहुंचेगा और लोगों को जीवन जीने का संदेश देगा।
गीता जयंती पर श्रीराम कथा का आयोजन अदभुत और ऐतिहासिक क्षण है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के पावन अवसर पर श्री राम कथा का आयोजन होना एक सौभाग्य का दिन है। एक तरफ पवित्र ग्रंथ गीता को लेकर भव्य कार्यक्रम हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ संत मुरारी बापू की श्रीराम कथा के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जीवन सार लोगों तक पहुंचेगा।
इस 9 दिन श्री राम कथा से संत मोरारी बापू के प्रवचनों का संदेश लोगों को जीवन में धारण करना चाहिए। स्वामी ज्ञानानंद ने मेहमानों का स्वागत कर कहा कि 5159 वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर अर्जुन का मोहभंग करने और कर्म करने का संदेश दिया। कथा से पूरी मानवता को एक नई प्रेरणा मिलेगी। वृंदावन रमनरेती से कासनी स्वामी गुरु शरणानंद महाराज, मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज, स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।