हरियाणा सरकार हरियाणवी महिलाओं को सुषमा स्वराज पुरस्कार देगी। इस पुरस्कार के लिए वर्ष 2022-23 के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसके लिए 1 दिसंबर की डेट फिक्स की गई है। यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दिया जाएगा। इसके साथ ही हरियाणा में सरकार ने सम्मान नियमावली में भी फेरबदल करते हुए पुरस्कारों की राशि में तीन गुना बढ़ोत्तरी कर दी है। अब साहित्यालंकार सम्मान में 7 लाख रुपए दिए जाएंगे।
आयु सीमा का बंधन हुआ खत्म
हरियाणा के सर्वोच्च सम्मान संस्कृत साहित्यालंकार और हरियाणा गौरव के लिए अब आयु सीमा का बंधन हटा दिया गया है। छात्रवृति, अनुदान और वित्तीय सहायता योजना की राशि में भी बढ़ोतरी की गई है। यह जानकारी हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ.दिनेश शास्त्री ने दी है।
साहित्यालंकार सम्मान में मिलेंगे 7 लाख
राष्ट्रीय स्तर के सम्मान ‘संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान’ की राशि हरियाणा सरकार ने 2 लाख रुपए से बढ़ा कर अब 7 लाख रुपए कर दी है। इसी तरह ‘हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान’ की पुरस्कार राशि दो लाख रुपए से बढ़ा कर 5 लाख रुपए कर दी गई है। महर्षि वाल्मीकि और महर्षि वेदव्यास सम्मान की राशि डेढ़ लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए कर दी गई है।
इन सम्मानों की भी बढ़ी राशि
इसके अलावा महर्षि विश्वामित्र सम्मान में डेढ़ लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए, आचार्य स्थाणुदत्त सम्मान में अब डेढ़ लाख के स्थान पर दो लाख रुपए मिलेंगे। इसी क्रम में महाकवि बाणभट्ट सम्मान में एक लाख से बढक़र ढाई लाख रुपए मिलेंगे। साहित्यकार सम्मान राशि पहले 11 लाख थी जो अब बढ़कर 25 लाख हो गई है।
आचार्य सम्मान में मिलेंगे 8 लाख
आचार्य सम्मान में भी पुरस्कार राशि चार लाख रुपए से बढ़ाकर 8 लाख रुपए कर दी गई है। अब गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान, विद्यामार्तंण्ड पं.सीताराम शास्त्री आचार्य सम्मान, पं.युधिष्ठिर मीमांसक आचार्य सम्मान में अब एक लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए दिए जाएंगे। स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान के लिए भी अब एक लाख रुपए की राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दिया गया है।
संस्कृत पढ़ने वालों को भी तोहफा
संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को सरकार ने विशेष तोहफा दिया है। इसके तहत प्रथमा, पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, विशारद, प्राक् शास्त्री और शास्त्री कक्ष में अध्ययन करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति राशि अब 3,000 रुपए की जगह 8,000 रुपए मिलेगी। आचार्य कक्षाओं के छात्रों को 10,000 रुपए, चिकित्सा खर्च में एक वर्ष में 3,000 की जगह 50,000 रुपए की सहायता मिल सकेगी। लेखक को वित्त वर्ष में मिलने वाली वित्तीय अनुदान राशि को भी बढ़ाकर 6,000 रुपए से सीधे 21,000 रुपए कर दिया गया है।
इन पुरस्कारों की राशि में भी हुई बढ़ोत्तरी
– पुस्तक पुरस्कार राशि 31,000 रुपए से बढ़ाकर 51,000 रुपए कर दिया है।
– पांडुलिपि प्रकाशन सहायता राशि 10,000 से बढ़ाकर 21,000 रुपए कर दी गई है।
– लघु संस्कृत कथा लेखन, नाटक लेखन प्रतियोगिता में अब 10 हजार से 5,000 तक दिए जाएंगे
– इसके अलावा सांत्वना पुरस्कार भी 3,000 रुपए से 6,000 रुपए कर दिए गये हैं।