हरियाणा के पानीपत जिले के सिविल अस्पताल में तीन दिवसीय निरीक्षण पर आई एनक्वास टीम का आज अंतिम दिन है। दो दिन में टीम ने अस्पताल के अधिकांश जगहों पर दो से तीन बार निरीक्षण कर लिया है। टीम ने PMO से बैठक करने के ‌बाद ENT, प्रसूति विभाग, स्किन विभाग व आई OPD का निरीक्षण किया।

तीन सदस्यीय टीम ने बंद कमरे में डॉक्टरों व स्टाफ से सवाल पूछे। डॉक्टरों के रजिस्टरों की जांच की गई। मरीजों से भी अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में सवाल किए गए। टीम को मरीजों की संख्या के अनुसार व्यवस्था थोड़ी ढीली लगी।

अस्पताल प्रबंधन सर्टिफिकेट लेने के लिए कोई कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों को मेडिकल नियमों को रटने का होमवर्क भी दिया गया है। सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बार-बार आपात स्थिति के कोड वर्ड याद कराए गए हैं।

अस्पताल में स्टाफकर्मियों से पूछताछ करती टीम।
अस्पताल में स्टाफकर्मियों से पूछताछ करती टीम।

कोई भी कर्मचारी मरीज से ऊंची आवाज में बात न करें
तीन दिन के एनक्वास के निरीक्षण के दौरान स्टाफ को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वो मरीजों के प्रति अपना व्यवहार शालीन बनाकर रखे। जो मरीज चल नहीं सकते उनको व्हील चेयर व स्ट्रेचर उपलब्ध कराएं। टीम ने शुक्रवार को भी अस्पताल का 5 घंटे तक निरीक्षण किया है।

आज OPD का गहनता से होगा निरीक्षण
टीम ने दो दिन तक मुख्य वार्डों का निरीक्षण किया है। शनिवार को सभी OPD का गहनता से निरीक्षण किया जाएगा। SNCU वार्ड की भी सेवाएं देखी जाएगी। ‌शनिवार को टीम अपनी रिपोर्ट को फाइल में बंद कर लेगी। ये रिपोर्ट मुख्यालय में जमा कराई जाएगी।

इमरजेंसी वार्ड में लगाए गए 8 स्टेचर और तीन व्हील चेयर।
इमरजेंसी वार्ड में लगाए गए 8 स्टेचर और तीन व्हील चेयर।

टीम को दिखाने के लिए ये किए बदलाव
– इमरजेंसी में ‌मिनी OT में सिर्फ डॉक्टर व स्टाफ नर्सों की होगी एंट्री।
– इमरजेंसी में हेल्प डेस्क बनाया।
– इमरजेंसी के सभी रजिस्टर के कवरों को ठीक किया गया।
– सुरक्षाकर्मियों को सीटी उपलब्ध कराई गई।
– प्रसूति वार्ड के बाहर से तीमारदारों को बाहर भेजा।
– प्रसूति वार्ड में बिना अनुमति कार्ड के एंट्री नहीं।
– ऑपरेशन थियेटर के बाहर से ‌तीमारदारों को हटाया।
– डॉक्टरों की ओपीडी के बाहर डिजिटल बोर्ड लगवाएं। इस पर मरीज देख सकते हैं कि उनका नंबर कब आएगा।
– मरीजों के बैठने के लिए अतिरिक्त कुर्सियां लगवाई।
– अस्पताल के सभी कूड़ादान बदले गए।
– अस्पताल की दिन में पांच बार की गई सफाई।
– अस्पताल में कोई गोवंश या कुत्ता न घुसे, इसके लिए स्पेशल दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई।
– इमरजेंसी वार्ड के बाहर 8 स्ट्रेचर व दो व्हील चेयर रखी गई।
– अस्पताल का पूरा स्टाफ ड्रेस कोड़ व आई कार्ड के साथ नजर आया।
– हर वार्ड में हेल्प डेस्क बनाया।
– OPD डिस्पेंसरी के बाहर उपलब्ध दवाईयों का बोर्ड लगाया गया है।

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