कोरोना के बाद गीता महोत्सव में लौटी रौनक, सरस मेले की सबसे सुंदर शुरूआत, ढोल-नंगाड़ो, शिल्पकारों और कलाकारों का अद्भुत संगम, मुख्यमंत्री ने स्वयं कलाकारों से की मुलाकात
कुरुक्षेत्र 19 नवंबर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को मंत्रोच्चारण के बीच कुरुक्षेत्र में सरस मेले के उद्घाटन के साथ अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह हम सभी के लिए ऐतिहासिक अवसर है। आज से पहले सरस मेले की इतनी सुंदर और भव्य शुरूआत कभी नहीं हुई। ढोल-नंगाड़ों, शिल्पकारों और कलाकारों के अद्भुत संगम के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री ने स्वयं कलाकारों और शिल्पकारों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने आयोजन में लगे व यहां पहुंचे लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में पहुंचकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सर्वप्रथम विधिवत रूप से सरस मेले का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता की प्रति पर पुष्प अर्पित किए और दीप प्रज्जवलित कर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आगाज किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने ब्रह्मसरोवर के तट पर बनी दुकानों में लगे सरस मेले का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने ढोल-नंगाड़ा पार्टी, करतब दिखा रहे कलाकार, नृत्य कर रहे कलाकार और बीन पार्टी से बातचीत की। उन्होंने सभी को इस पावन अवसर पर पहुंचने पर हार्दिक बधाई दी। इस अवसर पर थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव कृष्ण कुमार बेदी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्य सचिव विजय सिंह दहिया, उपायुक्त शांतनु शर्मा, एसपी सुरेंद्र भौरिया, एडीसी अखिल पिलानी, एडीपीआर डा. कुलदीप सैनी, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, सीईओ केडीबी चंद्रकांत कटारिया, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह, भाजपा के महामंत्री डा. पवन सैनी, भाजपा के जिलाध्यक्ष रवि बतान, पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर, महामंत्री रविंद्र सांगवान, केडीबी सदस्य सौरभा चौधरी, केसी रंगा, मोहिंद्र सिंगला, सुशील राणा, उपेंद्र सिंघल, विजय नरुला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी व गणमान्य मौजूद रहे।
गीता का संदेश जितना पहले उपयोगी था, उतना आज भी उपयोगी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के शुभारंभ का ऐतिहासिक अवसर है। हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र की भूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। यह गीता ज्ञान उस वक्त जितना उपयोगी था, आज भी उतना ही उपयोगी है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र भी उस वक्त जितना उपयोगी था, आज भी उतना ही उपयोगी है। गीता का यह संदेश युगों-युगों तक याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता महोत्सव न केवल कुरुक्षेत्र की भूमि पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर भी मनाया जा रहा है। आज विधिवत रूप से सरस मेले के उद्घाटन के साथ इसका शुभारंभ हुआ है।
देश और विदेशों से पहुंचेंगे लोग
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश और विदेश से लोग अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचेंगे। कोरोना के बाद रोनक लौटी है। इस बार भी लाखों की संख्या में लोग पहुंचेंगे। इसके साथ-साथ विभिन्न प्रांतों से कलाकार, शिल्पकार, कारीगर व सामान बेचने वाले स्वयं सहायता समूह महोत्सव में पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार हरियाणा के हैंडीक्राफ्ट बनाने वालों के लिए अलग स्टॉल की व्यवस्था की गई है, जो विदेशी सैलानियो को आकर्षित करती है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है और लोगों को हमारी संस्कृति जानने का अवसर भी मिलता है। महोत्सव देखने के लिए 25 देशों से विदेशी सैलानियों के आने की उम्मीद है।
राज्य सरकार की बसों में लगेगा 50 प्रतिशत किराया
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के चलते 19 नवंबर से 6 दिसंबर तक कुरुक्षेत्र जाने के लिए 10 जिलों के यात्रियों को राज्य परिवहन की बसों के किराए में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी। कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, जींद, कैथल, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, सोनीपत और रोहतक जिले के यात्रियों को कुरुक्षेत्र पहुंचने पर बस किराये में छूट प्रदान की गई है।
29 नवंबर को होगा राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का आगमन
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 29 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के मुख्य कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा। इसके लिए भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति से प्रदेश की कई परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करवाया जाएगा। गीता महोत्सव में मुख्य कार्यक्रम 29 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेंगे। सरस मेला 6 दिसंबर को खत्म होगा।
सरस मेले में लगी 600 से अधिक दुकानें
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में सरस मेले की छटा देखने से बन रही है। यहां पर 600 से अधिक दुकानें लगाई गई हैं। इनमें 250 शिल्पकार, 100 से ज्यादा सहायता समूह व अन्य दुकानें लगाई गई हैं। शिल्प मेले में कश्मीर से कन्याकुमारी तथा गुजरात से लेकर असम तक के शिलपकारों की शिल्प कला देखने को मिलेगी। इस महोत्सव में हमें लघु भारत की झलक देखने को मिलेगी।