हरियाणा रोडवेज की बसों में अब क्यूआर कोड से भी टिकट मिल सकेंगे। इतना ही नहीं, आप पेमेंट गूगलपे, पेटीएम सहित कई एप से कर सकते हैं। रोडवेज अधिकारियों की मानें तो इस योजना पर करीब 40 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

इससे रोडवेज हर साल करीब 80 करोड़ रुपए बचाएगा। यह योजना पड़ोसी राज्यों में पहले ही शुरू हो चुकी है, लेकिन हरियाणा रोडवेज इसे अब लागू करने जा रहा है। रोडवेज ई-टिकटिंग की इस प्रक्रिया को 29 नवंबर से शुरू कर देगा।

विभाग ने नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड को बसों में शुरू करने की भी योजना बनाई है। सबसे पहले ये कार्ड रोडवेज बसों में पास और फ्री सफर करने वालों के लिए उपलब्ध होंगे।

बाद में प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेजों के स्टूडेंट्स को ये कार्ड अगले वर्ष मार्च अप्रैल से दिए जाएंगे। कार्ड की कीमत 100 रुपए है। रोडवेज बसों में सफर करने वाली 42 श्रेणियों को भी एनसीएमसी बनवाना होगा।

रोडवेज को 7% तक की बचत

अधिकारियों के अनुसार, ई-टिकटिंग और कार्ड व्यवस्था से रोडवेज को 7 फीसदी यानी करीब 80 करोड़ रुपए की बचत होगी। कार्ड के जरिए बस में सफर करने वाली सभी श्रेणियों के यात्रियों के बारे में स्पष्ट जानकारी सामने आ जाएगी। इससे पता चल सकेगा कि किस विभाग और किस कैटेगिरी के लोग ज्यादा बस से सफर करते हैं। कार्ड स्वैप होने से सारी जानकारी रोडवेज मुख्यालय के सर्वर में दर्ज हो जाएगी।

रोडवेज नकदी का प्रचलन फिलहाल बंद नहीं कर रहा है। गांव से शहर आने वाले लोग जिस भी प्रक्रिया को अपनाना चाहें, वे अपना सकते हैं। धीरे-धीरे सभी के लिए एनसीएमसी बन जाएंगे या वे दूसरे माध्यमों से राशि दे सकते हैं।

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