हरियाणा के अंबाला में नेशनल हाईवे पर बिना साइन बोर्ड और बैरिकेडिंग के कंस्ट्रक्शन कर आमजन की जान जोखिम में डालने पर NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर और कॉन्ट्रैक्टर पर पुलिस ने केस दर्ज किया है।

पुलिस ने यह कार्रवाई NH-44 पर हुए हादसे में बाल-बाल बचे लुधियाना निवासी अंकुर सलूजा की शिकायत पर की है। अंकुर सलूजा ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी की जान जोखिम में न पड़े।

NH-44 पर लगे हैं मलबे के ढेर
लुधियाना निवासी अंकुर सलूजा ने बताया कि वह मंगलवार को अपनी पत्नी बानी सलूजा, बेटी नवधा और आरजा सलूजा के साथ अपनी मारुति अर्टिगा गाड़ी में सवार होकर लुधियाना से ऋषिकेश जा रहा था। गाड़ी वह खुद चला रहा था। जैसे ही दोपहर करीब ढाई बजे वह अंबाला सिटी मोटर मार्केट के सामने से फ्लाई ओवर पर चढ़ा तो NH-44 पर जगह-जगह मिट्‌टी और मलबे के ढेर लगे हुए थे।

एयरबैग खुलने से बाल-बाल बचा परिवार
अंकुर ने बताया कि NH-44 पर लगे मिट्‌टी व मलबे के ढेर के पास कोई साइन बोर्ड व रिफ्लेक्टर बैरिकेडिंग नहीं थी, जिसकी वजह से उसकी गाड़ी मलबे के ढेर से टकरा गई। इससे गाड़ी पलटने से बाल-बाल बची। कार के एयरबैग खुलने से परिवार की जान बच गई। परिवार के सदस्यों को मामूली चोटें आई। हादसे में गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई।

बलदेव नगर थाना पुलिस।
बलदेव नगर थाना पुलिस।

प्रोजेक्ट डायरेक्टर-कॉन्ट्रैक्टर ने जोखिम में डाली जान
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने वहां काम कर रहे मजदूर से पूछा तो पता चला कि इसका कॉन्ट्रैक्टर सतपाल सिंह (चौधरी कंस्ट्रक्शन) व प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह हैं। अंकुर ने कहा कि कॉन्ट्रैक्टर सतपाल सिंह और प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह ने नियमों की अवहेलना करते हुए नेशनल हाईवे पर किसी भी प्रकार की कोई बैरिकेडिंग और साइन बोर्ड न लगाकर सड़क पर मलबे के ढेर लगाए हैं, जो लोगों की जान जोखिम में डालने का काम कर रहे हैं।

पुलिस कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में कोई हादसा न हो
पुलिस से मांग की है कि लापरवाही बरतने वाले प्रोजेक्ट डायरेक्टर और कांट्रैक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी की जान खतरे में पड़े। अंकुर ने बताया कि हादसे के बाद से उसका परिवार सदमे में था। हालात सामान्य होने पर उन्होंने अब पुलिस को शिकायत सौंपी है। पुलिस ने कॉन्ट्रैक्टर सतपाल सिंह और प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह के खिलाफ NH एक्ट 48, धारा 336, 283 व 427 के तहत केस दर्ज किया है।

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