हरियाणा नगर निगम कानून की धारा 4(3) में प्रदेश सरकार द्वारा मनोनीत सदस्य बनाने हेतु है स्पष्ट प्रावधान — एडवोकेट हेमंत
वर्ष 2019 और 2020 में स्थानीय सांसद रतन लाल कटारिया और शहर एवं कैंट दोनों विधायकों को भी हरियाणा सरकार ने किया था अम्बाला नगर निगम में मनोनीत
सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर के चुनाव को छोड़कर नगर निगम सदन की बैठकों में स्थानीय सांसद और विधायक कानूनन डाल सकते हैं वोट
अम्बाला – तीन माह पूर्व 2 अगस्त 2022 को हरियाणा से दो नव निर्वाचित राज्यसभा सांसदों जिनमें निर्दलीय कार्तिक शर्मा ( जिन्हें कार्तिकेय शर्मा के नाम से भी संबोधित किया जाता है) और भाजपा के कृष्ण लाल पंवार शामिल हैं, दोनों ने संसद के ऊपरी सदन के सदस्य के तौर पर शपथग्रहण ली थी.
बहरहाल शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि 2 अगस्त को ही केंद्र सरकार के कानून मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विधायी विभाग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 67 और धारा 71 में उपरोक्त दोनों के राज्यसभा सदस्य के तौर पर निर्वाचित होने सम्बन्धी नोटिफिकेशन भारत सरकार के गजट ( राजपत्र ) में प्रकाशित कर दी गयी थी जिसके फलस्वरूप उक्त दोनों का छः वर्षो का राज्यसभा कार्यकाल प्रारंभ हो गया जो 1 अगस्त 2028 तक होगा.
हेमंत ने पहले 3 अगस्त को, फिर 24 अगस्त को और फिर 6 सितम्बर को तीन बार हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री और विभाग के प्रधान सचिव और निदेशक को अभिवेदन भेजकर लिखकर राज्य सभा सांसद कार्तिक शर्मा को अम्बाला नगर निगम में मनोनीत (नॉमिनेट) करने संबंधी अपील की जिसकी एक प्रति अम्बाला के डीसी, स्थानीय नगर निगम कमिश्नर और मेयर को भी भेजी गयी थी हालांकि आज तक प्रदेश सरकार द्वारा कार्तिक के नॉमिनेशन की गजट नोटिफिकेशन जारी होनी लंबित है.
उन्होंने आगे बताया कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 4(3) के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा स्थानीय म्युनिसिपल ( नगर निगम) क्षेत्र, जिस विधानसभा हलके एवं लोकसभा हलके के अंतर्गत पड़ता है, वहां से न केवल निर्वाचित विधायक एवं लोकसभा सासंद को बल्कि निगम क्षेत्र के निवासी उस रजिस्टर्ड मतदाता (वोटर) को, जो राज्यसभा का सदस्य (सांसद) हो, को उस नगर निगम के सदस्य के तौर पर मनोनीत किया जा सकता है. चूँकि कार्तिक शर्मा का नाम वर्तमान तौर पर अंबाला नगर निगम के अंतर्गत पड़ने वाले माडल टाऊन क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज है, इसलिए हरियाणा सरकार उन्हें स्थानीय नगर निगम में नॉमिनेट कर सकती है.
यह भी एक संयोग ही है कि कार्तिक स्थानीय नगर निगम की मेयर शक्ति रानी शर्मा के छोटे सुपुत्र हैं जबकि उनके पिता विनोद शर्मा अम्बाला शहर विधानसभा हलके से वर्ष 2005 और 2009 में लगातार दो बार विधायक निर्वाचित हो चुके है.
हेमंत ने आगे बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (आर) के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में पड़ने वाले संपूर्ण और आंशिक लोकसभा/विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचित लोकसभा सांसद और विधायक नगर निगम के पदेन (अपने पद के कारण) सदस्य होते हैं. इसी आधार पर सर्वप्रथम जुलाई, 2019 में हरियाणा सरकार द्वारा अम्बाला लोक सभा सीट से सांसद रतन लाल कटारिया एवं मार्च, 2020 में न केवल अम्बाला शहर के विधायक असीम गोयल को बल्कि अम्बाला कैंट के विधायक और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल विज को भी अम्बाला नगर निगम का सदस्य मनोनीत किया गया था चूंकि अंबाला नगर निगम का, कुछ क्षेत्र अंबाला कैंट विधानसभा सीट के अंतर्गत भी पड़ता है. गत वर्ष 2021 में हरियाणा सरकार द्वारा अंबाला नगर निगम में 3 अन्य मनोनीत सदस्यों, जो नगर निकाय ( म्यूनिसिपल) प्रशासन में विशेष ज्ञान और अनुभव रखने की कैटगरी से हैं, से सुरेश सहोता, संदीप सचदेवा और पूजा चौधरी का नाम अधिसूचित किया गया था.
हेमंत ने बताया कि हालांकि उक्त तीनो सदस्य नगर निगम की किसी भी बैठक में वोट नहीं डाल सकते परन्तु जहाँ तक स्थानीय लोक सभा सांसद कटारिया और राज्य सभा सांसद कार्तिक एवं स्थानीय दोनों विधायकों का विषय है, तो कानूनन वह सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करने सम्बन्धी और उनके हटाने बार बुलाई गयी बैठकों के अलावा नगर निगम सदन की शेष बैठकों में वोट डाल सकते हैं. आगामी 10 दिसंबर तक अम्बाला नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करवाने सम्बन्धी स्थानीय नगर निगम कमिश्नर द्वारा हस्ताक्षरित एक एफिडेविट हाल ही में हाईकोर्ट में दिया गया है जिसके बाद अगले एक महीने में दोनों पदों का चुनाव करवाना ही पड़ेगा जो गत दो वर्ष से लंबित है.